ताबड़तोड़ चालान : जब बैलगाड़ी का भी काट दिया चालान
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ताबड़तोड़ चालान : जब बैलगाड़ी का भी काट दिया चालान

        पुलिस ने बैलगाड़ी मालिक को 1 हजार रुपये का चालान थमा दिया। हालांकि मोटर वीइकल ऐक्ट में बैलगाड़ी पर जुर्माने का कोई प्रावधान न होने पर पुलिस ने चालान कैंसल करने का फैसला लिया। 
    यूपी के बिजनौर जिले के साहसपुर में एक बैलगाड़ी वाले का चालान काट दिया गया, पुलिस ने अबीमाकृत वाहन की लगाई धारा। 
   नया मोटर वीइकल ऐक्ट लागू होने के बाद ताबड़तोड़ चालान काटे जा रहे हैं, कई अजीबोगरीब मामले भी सामने आ रहे हैं
   बाद में मोटर वीइकल ऐक्ट में बैलगाड़ी पर जुर्माने का कोई प्रावधान न होने पर पुलिस ने चालान कैंसल करने का फैसला लिया। 
    बिजनौर।। नया मोटर वीइकल ऐक्ट लागू होने के बाद ताबड़तोड़ चालान काटे जा रहे हैं। इनमें कई अजीबोगरीब मामले भी सामने आ रहे हैं। यूपी के बिजनौर जिले के साहसपुर में एक बैलगाड़ी वाले का चालान काट दिया गया। पुलिस ने शनिवार को बैलगाड़ी मालिक को चालान थमाया। हालांकि मोटर वीइकल ऐक्ट में बैलगाड़ी पर जुर्माने का कोई प्रावधान न होने पर पुलिस ने चालान कैंसल करने का फैसला लिया।
मालिक रियाज हसन ने शनिवार को अपने खेत के बगल में बैलगाड़ी खड़ी की थी। इतने में सब इंस्पेक्टर पंकज कुमार के नेतृत्व में एक पुलिस टीम वहां आ पहुंची जो उस इलाके में पट्रोलिंग कर रही थी। उन्होंने देखा कि बैलगाड़ी के आस-पास कोई मौजूद नहीं है। ग्रामीणों से पूछने पर पता लगा कि बैलगाड़ी हसन की है। पुलिस बैलगाड़ी लेकर हसन के घर गई और अबीमाकृत वाहन को चलाने वाले मोटर वीइकल ऐक्ट के सेक्शन 81 के तहत 1 हजार रुपये का चालान थमा दिया।
   हसन ने कहा, ‘मेरा चालान कैसे कट सकता है जब मैंने अपने ही खेत के बाहर अपना वाहन खड़ा किया था। उन्होंने मोटर वीइकल ऐक्ट के तहत मेरी बैलगाड़ी का चालान कैसे काट दिया?’ इसके बाद रविवार को उनका चालान रद्द कर दिया गया।
आईपीसी के बजाय पुलिस ने मोटर वीइकल ऐक्ट की लगाई धारा
     साहसपुर पुलिस थाने के प्रभारी पीडी भट्ट ने बताया कि अवैध खनन की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम इलाके में पट्रोलिंग कर रही थी। उन्होंने कहा, ‘अधिकतर गांव वाले बैलगाड़ी के जरिए खनन की रेत ले जाते हैं। पुलिस टीम को लगा कि हसन की गाड़ी का भी इस मकसद से इस्तेमाल हुआ होगा। टीम मोटर वीइकल ऐक्ट के तहत काटे जाने वाले चालान और दूसरे अपराधों में अंतर नहीं कर पाई और आईपीसी की धारा के बजाय मोटर वीइकल ऐक्ट के तहत चालान काट दिया।’

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