कलकत्ता हाईकोर्ट ने मरने के बाद भी हत्या के दो आरोपियों की सजा बरकरार रखी इस पर अभियुक्तों के परिजनों ने मृत्यु के देवता यमराज को निर्देश देने की मांग की
कोलकाता।। कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा मरने के बाद हत्या के मामले में दो दोषियों की सजा बरकरार रखे जाने के बाद दोनों के परिजन ने अनुरोध किया है कि इस संबंध में मृत्यु के देवता यमराज को निर्देश दिया जाए कि वह दोनों को धरती पर वापस भेजें ताकि वे अपनी सजा पूरी कर सकें। परिजनों ने अनुरोध किया है, यदि यमराज इस आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। आवेदकों ने मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन से अनुरोध किया है कि वह उच्च न्यायालय के जून 2016 के आदेश को वापस लें।
इस आदेश में अदालत ने हत्या के 1984 के एक मामले में समर और प्रदीप चौधरी को अलीपुर सत्र अदालत द्वारा सुनायी गयी पांच साल की सजा बरकरार रखी थी। जबकि इस मामले के आरोपियों प्रदीप का 1993 में और समर का 2010 में निधन हो चुका था। याचिका दायर करने वाले समर के पुत्र अशोक और प्रदीप की पत्नी रेणु ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह अपना 16 जून, 2016 का आदेश यमराज को भेजें। याचिका में कहा गया है कि अदालत यमराज को निर्देश दे कि वह दोषियों को धरती पर वापस लाए ताकि वे निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर सकें और कानून के तहत सुनायी गयी सजा पूरी कर सकें।