जयपुर/राजस्थान।। दो अक्टूबर को राजस्थान में गांधी जयंती के अवसर पर कांग्रेस और प्रदेश सरकार को लेकर अजीब स्थिति रही। सीएम अशोक गहलोत ने गांधी जयंती के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते हुए कहा कि देश में डर का माहौल है। केन्द्र की भाजपा सरकार की नीतियों की वजह से सामाजिक तानाबाना बिगड़ गया है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की साम्प्रदायिक सोच के चलते हालात बहुत बिगड़ गए हैं। कांग्रेस ने अब तक देश में लोकतंत्र को बचाए रखा, लेकिन अब लोकतंत्र को खतरा हो गया है। हमारी संवैधानिक संस्थाएं दबाव में काम कर रही हैं। कांग्रेस आज भी गांधी जी के बताए मार्ग पर चल रही है।
सीएम गहलोत जब स्वयं को महात्मा गांधी का अनुयायी मानते हुए प्रवचन दे रहे थे, तभी जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के कार्यालय पर जोरदार हंगामा हो रहा था। कांग्रेस के ही कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने के लिए स्टेडियम पर वाटर केकन, वज्र वाहन, क्यूआरटी आरएसी आदि के सशस्त्र जवान तैनात किए गए। ऐसे तनाव पूर्ण माहौल में जब कांग्रेस के दिग्गज नेता और क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव में सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को चुनौती देने वाले रामेश्वर डूडी पहुंचे तो हालात बेकाबू हो गए। धक्का मुक्की के बीच डूडी ने आरसीए के कार्यालय में प्रवेश किया।
डूडी का कहना रहा रहा कि सरकार ने तानाशाह रवैया अपना रखा है। अब प्रदेश की जनता सरकार को जवाब देगी। यानि डूडी ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। एक तरफ सीएम गहलोत देश में डर का माहौल बता रहे है तो दूसरी ओर उन्हीं की पार्टी के नेता गहलोत सरकार को तानाशाह कह रहे हैं। जब कांग्रेस के नेताओं को ही मुख्यमंत्री पर भरोसा नहीं है तो गहलोत के कथन के क्या मायने हैं। डूडी के समर्थकों ने आरसीए दफ्तर के बाहर ही नारा लागया। आरसीए का अध्यक्ष कैसा हो, रामेश्वर डूडी जैसा हो। समर्थकों का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेरोजगार पुत्र को रोजगार दिलवाने के लिए आरसीए का अध्यक्ष बनवा रहे हैं। मालूम हो कि वैभव गहलोत को ही अध्यक्ष बनवाने के लिए रामेश्वर डूडी वाले नागौर जिला क्रिकेट संघ को भी अयोग्य घोषित कर दिया है। नागौर के साथ साथ अलवर और श्रीगंगानगर जिला संघों को भी अयोग्य माना गया है। देखना है कि क्रिकेट की जंग राजस्थान में कांग्रेस को कितना नुकसान पहुंचगी।