जयपुर।। सीआईएसएफ के जवान और उसके पिता ने मंडप ऐसा किया कि, हर कोई उनकी सोच की चर्चा कर रहा है। चारों ओर दूल्हा और उसके पिता की इस पहल की मिसाल दी जा रही है। जी हां, हम बात कर रहे हैं, जयपुर की एक शादी की। जिसमें दूल्हा और उसके पिता ने दहेज के लिए बेटियों को प्रताड़ित करने वाले लोगों के मुंह पर तमाचा है। सीआईएसएफ के जवान ने दहेज में मिले 11 लाख रुपए वापस लौटा दिए। साथ ही दूल्हा के पिता ने कहा कि मैं बहू नहीं, बेटी लेने आ रही हूं, इसको पढ़ाकर आरजेएस बनाऊंगा।
बता दें कि, अंबावाड़ी निवासी गोविंद सिंह करीरी की बेटी चंचल की शादी झोटवाड़ा (करधनी) निवासी राजेंद्र सिंह खरेश के बेटे जितेंद्र सिंह राठौड़ के साथ तय हुई। 8 नवंबर की शादी थी, जो धूमधाम से संपन्न हुई। मगर दूल्हा जितेंद्र सिंह राठौड़ की सोच की सभी खुले मन से सराहना कर रहे हैं। चारों तरफ जितेंद्र सिंह की सराहना तो ही रही है। सभी उससे सीख लेकर दहेज नहीं लेने की बात कह रहे हैं।
सभी देने लगे बधाई
बता दें कि, कस्टम विभाग में कार्यरत दुल्हन के पिता गोविंद सिंह ने दूल्हे जितेंद्र सिंह और उनके पिता राजेंद्र सिंह खरेश को शगुन के तौर पर 11 लाख रुपए से भरा थाल सौंपा तो दूल्हे के पिता ने हाथ जोड़ लिए। रकम दुल्हन के परिजनों को वापस सौंप दिया। वहां मौजूद लोगों को एक बार तो ऐसा लगा कि शायद दहेज राशि कम है, इसलिए लौटा दिए। सभी के चेहरे उतर गए। मगर जब हकीकत का पता चला। सभी हैरान रह गए। क्या कोई ऐसी भी सोच रखता है। बहू को बेटी मानता है। दूल्हे के पक्ष द्वारा पेश की गई इस नजीर से दुल्हन के परिजन स्वयं को गौरवांवित महसूस कर रहे है।
दूल्हे के पिता राजेंद्र सिंह खरेश ने कहा कि मैं बहू के रूप में बेटी लेने आया हूं। बहू चंचल आरजेएस बनना चाहती है, उसे अच्छी तैयारी करवाकर आरजेएस बनाऊंगा। वहीं दूल्हे सीआइएसएफ के जवान जितेंद्र सिंह ने कहा कि दहेज प्रथा कुरीति है, इसे खत्म करने की पहल हमें खुद करनी होगी।
समाज की सोच में होगा बदलाव
दुल्हन के पिता गोविंद ने कहा कि एक बेटी के पिता होने पर खुशी है, जो बेटी ऐसे घर जा रही है। वहां उसे बेटी समझा जा रहा है। दूल्हे और उनके पिता की अच्छी सोच के कारण हुआ है। दुल्हन चंचल कंवर ने कहा कि मेरे ससुराल की पहल लोगों की सोच में बदलाव लाएगी। इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है।