बांग्लादेश में एक लड़की की हत्या के मामले में कोर्ट ने 16 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। इसी वर्ष अप्रैल माह में 18 वर्ष की नुसरत जहां रफी को कुछ लोगों ने मदरसे की छत पर जिंदा जलाकर मार दिया था। घटना के 10 दिन बाद पीड़िता के परिवार वालों ने इस बाबत शिकायत दर्ज कराई थी।
परिवार ने सोनागाजी इस्लामिया फाजिल मदरसे के प्रिंसिपल एसएम सिराजुद्दौला के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था।ढाका ट्रिब्यून की खबर के अनुसार आरोपियों ने 6 अप्रैल को पीड़िता को आगे के हवाले कर दिया था, जिसके चार दिन बाद युवती की ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। घटना के बाद पूरे बांग्लादेश में लोगों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
लोगों ने लड़की के लिए इंसाफ की मांग की, जिसके बाद प्रशासन को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी। इस मामले की सुनवाई कोर्ट में 61 दिनों तक चली जिसके बाद बांग्लादेश के इतिहास में अबतक का सबसे तेज फैसला देते हुए कोर्ट ने 16 लोगों को इस मामले में दोषी करार देते हुए उन्हें फांसी की सजा सुनाई।
जिन लोगों को इस मामले में दोषी करार दिया गया है उसमे स्कूल प्रशासन के पूर्व सदस्य, शिक्षक और कुछ कुछ शिष्य शामिल हैं। सभी 16 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है और उन्हें वुमेन एंड चिल्ड्रेन रिप्रेशन प्रिवेंशन एक्ट 200 के सेक्शन 4(1)/30 के तहत फांसी की सजा सुनाई गई है।