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इंसानीयत के नाम पर कलंक, दोस्त की लाश के टुकड़े कर कुकर में जलाए

   आज दुनिया में मानवता गायब होती जा रही है. अगर किसी इंसान से भी कोई जानवर मर जाए तो हम उसको गाड़ते या जला देते हैं. दोस्तों के लिए जान देते व लेते सुना पर कुकर में जलाते नहीं सुना होगा। उत्तर प्रदेश के आगरा में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. एक व्यक्ति ने दोस्त को पहले अगवा कर लिया. मकसद था 50 लाख की फिरौती. फिरौती मांगते इससे पहले ही पीड़ित की दम घुटने से मौत हो गई. फिर शव के टुकड़े करके अंगों को प्रेशर कुकर में पका दिया.
    पुलिस ने बताया कि आगरा के किरावली निवासी धर्मेंद्र तिवारी कंप्यूटर ऑपरेटर था. 18 अक्टूबर को रहस्यमयी स्थिति में वह लापता हो गया. काफी खोजबीन के बाद जब पता नहीं चला तब धर्मेंद्र के पिता ने अछनेरा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
    पुलिस की खोजबीन में पता चली कि धर्मेंद्र को आखिरी बार ललित नाम के युवक के साथ देखा गया था. यह वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. फिर ललित की पहचान हो गई. इसके बाद पुलिस ने बिचपुरी मार्ग पर मंगोलिया कॉलोनी में ललित बोदला के घर पहुंची. ललित अपनी मां शालिनी और भाई रोहित के साथ रहता है. पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया.
   पुलिस ने दोनों से जब कड़ाई से पूछताछ की तो ऐसा खुलासा हुआ कि हर सुनने वाले की रूह कांप गई. ललित ने अपना कर्ज उतारने के लिए 50 लाख फिरौती वसूलने के लिए धर्मेंद्र का अपहरण कर लिया था. ललित ने धर्मेंद्र को किसी बहाने से अपने घर बुलाया. कॉफी में कुछ मिलाकर पिला दिया. इसके बाद इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया. बाद में हाथ-पैर और मुंह टेप से बांधकर कमरे में बंद कर दिया.
    मुंह बंधा होने के कारण धर्मेंद्र की दम घुटने से मौत हो गई. ललित को जब यह पता चला तो उसे लगा कि उसकी फिरौती वसूलने की साजिश नाकाम हो गई है. इसके बाद उसे चिंता थी लाश को ठिकाने लगाने की.
    फिर ललित ने धर्मेंद्र की लाश के छोटे-छोटे टुकड़े कर घर में ही रख दिए. आरोपी ने फिर टुकड़ों को कुकर में पकाया. शरीर के कई बड़े हिस्से को नाली में फेंक दिया. यहां तक की कंकाल को बैग में भरकर रख दिया.
मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने मंगोलिया कॉलोनी में ललित के घर की तलाशी ली. फोरेंसिक टीम से भी जांच कराई. पुलिस को यहां से कई अहम सुराग मिले.
   घर के बाहर जमा पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि हर दिन घर से मीट पकाने की महक आती थी. लेकिन इस बात का अंदाजा नहीं था कि यहां किसी की लाश पकाई जा रही है. इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि मां-बेटे ने इंसानी गोश्त खाया है या नहीं.
    ललित ने 27 वर्षीय धर्मेंद्र की बाइक को मलपुरा क्षेत्र में लावारिस तौर पर छोड़ दिया था. 29 अक्टूबर को धर्मेंद्र की बाइक पुलिस को मिली थी. पुलिस छानबीन में पता चला था कि धर्मेंद्र और ललित आपस में अच्छे दोस्त थे. धर्मेंद्र और ललित दोनों पहले किराए के घर में एकसाथ रहते थे. इस दौरान ललित को यह पता चल गया था कि धर्मेंद्र पैसे से संपन्न परिवार से है. उसका अपहरण करेंगे तो अच्छी फिरौती मिलेगी. इसलिए अपहरण और फिरौती वसूलने की योजना तैयार की थी.

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