एक तरफ यूपी पुलिस नागरिकता कानून के खिलाफ अपना विरोध जता रही जनता को गोली और डंडे मार रही है, तो दूसरी तरफ सत्ताधारी बीजेपी विधायक यूपी पुलिस को मार रहे हैं।
यूपी पुलिस धर्म विशेष के लोगों को पाकिस्तान जाने को कह रही है, लेकिन यूपी पुलिस की बीजेपी विधायकों के सामने दाल नहीं गल रही है। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के बरखेड़ा विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक किशन पाल राजपूत के खिलाफ कथित तौर पर एक पुलिस कांस्टेबल की जूतों से पिटाई के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, विधायक के साथ उनके कई समर्थक भी थे जिनमें 15 लोगों की पहचान की जा चुकी है। विधायक पर यह भी आरोप है कि उसने पुलिस चौकी में कांस्टेबल की पिटाई करने के बाद उससे उसकी सोने की चेन और बटुआ छीन लिया।
बीजेपी विधायक कांस्टेबल की थाने में ही जूतों से पीटता रहा लेकिन वहां मौजूद पुलिस के अफसर चुप चाप ये सब देखते रहे। इतना कुछ होने के बावजूद पुलिस ने विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया। मजबूरन कांस्टेबल ने अदालत का दरवाजा खटखटाया तब जाकर अदालत के आदेश पर बीजेपी विधायक और उसके समर्थकों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़ित कांस्टेबल का नाम मोहित गुर्जर है।
दरअसल, मामला पुलिस कांस्टेबल मोहित गुर्जर और राहुल नाम के शख्स के बीच का है। कांस्टेबल मोहित ने राहुल से एक बाइक खरीदी थी, इसमें राहुल ने मोहित के साथ बाइक के कागजात देने में धोखाधड़ी की थी।
मोहित गुर्जर ने बताया कि, 12 सितंबर को जब मैंने अपने पैसे वापस मांगे तो राहुल ने पीलीभीत मंदी समिति के गेट पर बुलाया। यहां पर पहले से ही बीजेपी विधायक के भतीजे ऋषभ और राहुल के साथ कई लोग मौजूद थे।
बकौल मोहित, जब मैं मौके पर पहुंचा तो उन्होंने मेरी पिटाई कर दी, उन्होंने मेरी सोने की चेन और बटुआ लूट लिया मुझे बुरी तरह से मारा, मुझपर गोली चलाई जिसमें मैं बाल-बाल बच गया। इसके बाद मैं असम रोड पुलिस चौकी पहुंचा। तभी विधायक ओने समर्थकों के साथ चौकी में आ गए और अपने जूते से मेरी पिटाई शुरू कर दी। विधायक ने समर्थकों से पेशाब पीने के लिए मजबूर किया।
मोहित गुर्जर ने कहा कि, पुलिस चौकी में मौजूद पुलिस अधिकारी मूक दर्शक बने रहे। सुनगढ़ी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। बाद में मुझे अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। अब आदेश के बाद बीजेपी विधायक, उसके भतीजे और समर्थकों को खिलाफ धारा 397 के तहत डकैती/लूटपाट, जान से मारने या गंभीर चोट पहुँचाने के प्रयास के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
जब बीजेपी के विधायक पुलिस वालों को ही इस तरह से पीट रहे हैं तो समझा जा सकता है कि योगी राज में आम जनता का क्या हाल होगा।