सुलतानपुर।। मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर पूर्व डीएम विवेक को फोन कर सीएमएस वीबी सिंह के खिलाफ चल रही जांच को खत्म करने के मामले में दो दारोगाओं समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इन पुलिसकर्मियों द्वारा आरोपितों को लाभ पहुंचाने के प्रयास के तहत विवेचना करने में कोताही बरती गई।
ये है पूरा मामला
मामला नवंबर 2018 का है। जिला अस्पताल में सीएमएस वीबी सिंह ने संविदा पर कार्य कर रही कुछ महिला नर्सों की सेवा समाप्त कर दी थी। बेरोजगारों नर्सों ने पूरे प्रकरण की जांच के लिए तत्कालीन डीएम विवेक से शिकायत की थी, जिसकी जांच चल रही थी। उधर, सीएमएस ने भी मुख्यमंत्री कार्यालय को पूरे प्रकरण से अवगत कराया था, जिसकी जांच प्रमुख सचिव गृह को सौंप दी गई। इसके पहले 19 नवंबर को दादूपुर निवासी अंकेश सिंह ने खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी धर्मेंद्र चौधरी बताकर डीएम विवेक को फोन किया था। उसने सीएमएस का पक्ष लेते हुए जांच को रोकने की सिफारिश की थी। डीएम ने ओएसडी धर्मेंद्र चौधरी से बात की तो उन्होंने किसी भी तरह का फोन न किए जाने की बात की। उन्होंने इसकी शिकायत कोतवाली नगर पुलिस से की। सर्विलांस के माध्यम से फोन करने वाले अंकेश को गिरफ्तार कर लिया गया। विशेष जांच में इस पूरे मामले में पूर्व नगर कोतवाल संजय सिंह, डायल 112 के प्रभारी बेनी माधव त्रिपाठी, नगर कोतवाली में तैनात दारोगा छतर सिंह, हवलदार जयसिंह व सिपाही श्रवण कुमार की विवेचना में लापरवाही उजागर हुई। इसके उपरांत शुक्रवार को एसपी शिवहरि मीणा ने उक्त पांचों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक ?
पुलिस अधीक्षक शिवहरि मीणा ने बताया कि विवेचना में लापरवाही पर सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। पूरे प्रकरण की जांच भी कराई जा रही है।