कानपुर।। साइबर ठगों ने अब आमजन के साथ ही थाना प्रभारी और दारोगाओं को भी शिकार बनाना शुरू कर दिया है। वे सीनियर अफसर को फोन करके दबिश या अन्य किसी काम का हवाला देकर रकम खाते में जमा करने का आदेश दे रहे हैं। बीते दिनों ठग ने खुद को डीजीपी दफ्तर का एएसपी बताकर एक थाना प्रभारी से 50 हजार रुपये जमा करा लिये और गुरुवार को ईदगाह चौकी प्रभारी से 25 हजार रुपये मांगे। जांच में मोबाइल नंबर की लोकेशन झारखंड के जामताड़ा की निकली।
खुद को एएसपी बता सीओ को किया फोन
गुरुवार दोपहर एक अन्जान नंबर से सीओ के पास फोन आया। उसने खुद को डीजीपी दफ्तर का एएसपी मनोज कुमार बताते हुए कर्नलगंज थाना प्रभारी के बारे में पूछा और कहा कि इंस्पेक्टर से बोलो बात कर लें। सीओ ने इंस्पेक्टर को फोन करके उस नंबर पर बात करने के लिए कहा। इंस्पेक्टर ने फोन किया तो आरोपित ने उन्हें भी अपना परिचय देते हुए कहा कि चार किलो सोने के साथ चुन्नीगंज में मौजूद एक तस्कर की तलाश में कानपुर आ रहा हूं। एक दारोगा की जरूरत पड़ेगी, किसी दारोगा से कहो कि बात कर ले। इंस्पेक्टर ने ईदगाह चौकी प्रभारी राजकुमार को उसका नंबर दे दिया।
डीजीपी दफ्तर में फोन करने पर हुई जानकारी
राजकुमार ने फोन किया तो आरोपित ने अपनी गाड़ी का नंबर बताते हुए दो घंटे में कानपुर आने की बात कही। साथ ही तस्कर का पेटीएम खाता नंबर नोट कराते हुए दारोगा से उस खाते में 25 हजार रुपये जमा करने के लिए कहा। बोला कि रकम देने से तस्कर को भरोसा हो जाएगा और उसे आसानी से पकड़ा जा सकेगा। तुरंत दारोगा ने इंस्पेक्टर को फोन किया और इंस्पेक्टर ने उच्चाधिकारियों को बताया। इसके बाद जब डीजीपी दफ्तर में फोन किया गया तो वहां उस नंबर व नाम का कोई भी एएसपी नहीं मिला। इसके बाद अधिकारियों ने सर्विलांस की मदद से जांच की। इसी बीच पता लगा कि दो दिन पूर्व उसी नंबर से एक थाना प्रभारी के पास भी फोन पहुंचा था और उन्होंने 50 हजार रुपये बताए गए खाते में जमा कर दिए थे।
कई पुलिसकर्मियों से रकम हड़प चुका शातिर
अधिकारियों ने जब डीजीपी दफ्तर में जानकारी करने की कोशिश की तो पता लगा कि अन्य जिलों के पुलिसकर्मियों को भी मनोज कुमार नाम से फोन करके रकम मांगी जा चुकी है। करीब आधा दर्जन थाना प्रभारी व चौकी प्रभारी बताए गए खाते में रकम जमा कर चुके हैं।
इनका ये है कहना
जिस नंबर से फोन आया था, ट्रू कॉलर पर वह एएसपी मनोज कुमार के नाम से प्रदर्शित हो रहा है। दोबारा दारोगा ने उसी नंबर पर फोन किया तो फोन रिसीव नहीं हुआ। देर शाम तक इंतजार के बाद भी कोई नहीं आया। नंबर के आधार पर जांच की जा रही है।