अब रासायनिक हथियारों की जगह जैविक हथियार लेने लगे हैं। अधिकांश बीमारियों की वजह विषाणु होते हैं। यद्यपि बहुत से विषाणुओं को मारने के लिए वैज्ञानिकों और मैडिकल जगत ने सफलता प्राप्त कर ली है। कोरोना वायरस कोई सामान्य विषाणु तो है नहीं क्योंकि अभी तक कोई एंटीवायटिक्स इस पर काम नहीं कर रहे।
कोरोना वायरस से दुनिया भर में अब तक 10 लाख से भी अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि लाखो लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना वायरस से चीन में हज़ारो लोगो की मौत चीन में हुई, वही इस महामारी से अब तक सबसे ज्यादा लोग इटली में मरे हैं.
कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से निकला है और यह दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचा है। मरने वालों की संख्या आधिकारिक आंकड़ा अभी तक विश्व पटल वास्तविक रूप में सामने नहीं लाया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि यह वायरस चीन की राजधानी बीजिंग, आर्थिक राजधानी शंघाई तक नहीं पहुंचा लेकिन न्यूयार्क, पैरिस, बर्लिन, इटली, स्पेन, टोक्यो, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, पंजाब, उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया। चीन के किसी नेता, िकसी सैन्य कमांडर को संक्रमण नहीं हुआ, बीजिंग में कोई लॉकडाउन नहीं है। इससे चीन के इरादों पर संदेह गहरा गया है। दुनिया के बड़े लोगों को कोरोना हो चुका है। ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स, प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, आस्ट्रेलिया के गृहमंत्री, अमेरिका के कुछ मंत्रियों और स्पेन के प्रधानमंत्री की पत्नी को कोरोना हो चुका है।
चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है. शुरुआत में कोरोना का कहर चीन पर ही देखा जा रहा था, लेकिन अब कोरोना का नया ठिकाना इटली बन गया है. एशिया के चीन से निकला कोरोना अब यूरोप के इटली में सबसे अधिक लोगों को प्रताड़ित करने में जुटा है. इटली में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. द्वितीय विश्व युद्ध में एक दिन में होने वाले औसत मृत्यु की तुलना में अब कोरोना वायरस से एक दिन में ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. सच यह भी है कि विश्व युद्ध बहुत लंबे समय तक चला था और उम्मीद की जा रही है कि कोरोना पर जल्द काबू पा लिया जायेगा.
अब सवाल यह है कि क्या दुनिया खतरनाक विषाणुओं से तीसरा युद्ध लड़ रही है। यह एक तरह से तीसरा विश्व युद्ध ही है। अमीर और विकसित देश तो कोरोना वायरस की मार झेल जाएंगे लेकिन गरीब और विकासशील देश अपने लोगों और अर्थव्यवस्थाओं को कैसे झेल पाएंगे, यह चुनौती उनके सामने है। अमेरिका के प्रतिष्ठित दैनिक वाशिंगटन पोस्ट में इस आशय की रिपोर्ट छपी है कि कोरोना वायरस चीन के जैविक युद्ध कार्यक्रम का एक हिस्सा है जो गलती से प्रयोगशाला से निकल कर खुली हवा में आ गया।