नई दिल्ली।। आजकल देखने में आ रहा है की कोरोना वायरस से बचने के लिए हर कोई किसी भी वस्तु से बना हुआ मास्क आँख मीचकर मुँह पर लगाने में लगा हुआ, जिसकी ना तो स्वास्थ्य की दृष्टि से गुणवत्तायुक्त है ना ही सही तरीके से कोरोना जैसी बीमारी को रोकने में पूरी तरह से कारगर है। वैसे देखा जाए तो कोविड-19 से बचने के लिए हम जो मास्क लगाते हैं उनमें कोरोना वायरस हफ्तेभर तक रह जीवित रह सकता है। वहीं, बैंक के करंसी नोट और कांच पर महामारी फैलाने वाला यह वायरस चार दिन तक जिंदा रह सकता है। जबकि स्टेनलेस स्टील और प्लास्टिक की सतह पर यह 4 से 7 दिन तक बना रह सकता है।
हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी की स्टडी में यह सामने आया है। इस में स्टडी रिसर्चरों ने यह जांचने की कोशिश की थी कि कोरोना का वायरस सामान्य तापमान पर कांच, नोट, मास्क, लकड़ी, कपड़े जैसी विभिन्न सतहों पर कितनी देर तक टिक सकता है। स्टडी में पाया गया कि लकड़ी से बनी चीजों या हमारे रोजमर्रा के कपड़ों में यह वायरस पर पूरे एक दिन तक जिंदा रह सकता है।
नवभारत टाइम्स ने भी इससे जुड़ी एक मुहिम चला रखी है। इसमें आप एक रक्षक बनें, जागरूकता फैलाने में मदद करें, COVID-19 से लड़ने में अपनी भूमिका निभाएं। अपना मास्क बनाएं और उसके साथ अपनी सेल्फी अपलोड करें। सर्वश्रेष्ठ पोस्ट को #MaskIndia पर शेयर किया जाएगा।