मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले जापान के प्रोफेसर डॉक्टर टासुकू होंजो ने मीडिया के सामने यह बोल कर सनसनी फैला दी कि कोरोना वायरस प्राकृतिक नहीं है। यदि प्राकृतिक होता तो पूरी दुनिया में यह यूं तबाही नहीं मचाता, क्योंकि विश्व के हर देश में अलग-अलग टेंपरेचर होता है। यदि यह कोरोनावायरस प्राकृतिक होता तो अन्य देश जहां चीन जैसा ही टेंपरेचर है, वहीं यह कोहराम मचाता। यह स्विट्जरलैंड जैसे देश मैं फैल रहा है ठीक वैसा ही यह रेगिस्तानी इलाकों में भी फैल रहा है, जबकि यह प्राकृतिक होता तो ठंडे स्थानों पर फैलता परंतु गर्म स्थानों पर जाकर यह दम तोड़ देता।
डॉक्टर टासुकू होंजो ने कहा की उन्होंने जीव जंतु और वायरस पर 40 साल रिसर्च किया है यह प्राकृतिक नहीं है। यह बनाया गया है और यह वायरस पूरी तरह से आर्टिफिशियल है। चीन की वुहान लेबोरेटरी में डॉक्टर टासुकू होंजो ने 4 साल काम किया है, उस लेबोरेटरी के सारे स्टाफ से वे पूरी तरह से परिचित है, यही नहीं कोरोना हादसे के बाद से वे सब को फोन भी लगा रहा है, परंतु सभी मेंबर्स के फोन 3 महीने से बंद आ रहे हैं, उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है की हो सकता है सारे लेब टेक्नीशियन की मौत हो गई हो।
डॉक्टर टासुकू होंजो ने आज तक की अपनी सारी जानकारियों और रिसर्च के आधार पर यह 100% दावे के साथ कहा कि कोरोना प्राकृतिक नहीं है। यह चमगादड़ से नहीं फैला है। यह चीन ने बनाया है। डॉक्टर टासुकू होंजो ने दावा किया की यदि उनकी बात जो वह बोल रहे है, वह आज या उनके मरने के बाद भी झूठी हो तो उनका नोबेल पुरस्कार सरकार वापस ले सकती है, परंतु चीन झूठ बोल रहा है और यह सच्चाई एक दिन सबके सामने आएगी।