संक्रमित होने के बाद काला पड़ा चेहरा,
जांच में जुटी डाक्टरों की टीम
नई दिल्ली।। चीन में कोरोना वायरस का नया संकट सामने आया है | डॉक्टर जांच में जुटे है , कि यह कोई दवा का साइड इफेक्ट या कोरोना का नया हमला तो नहीं है | दरअसल अब संक्रमितों का चेहरा काला पड़ने लगा है | अस्पताल में भर्ती दो डॉक्टर तो इतने काले हो चुके है कि उन्हें पहचानना मुश्किल है | वुहान शहर को कोरोना वायरस का जनक माना जाता है | चीन के जिस वुहान शहर से इस महमारी की शुरुआत हुई थी, अब वहां इसका इलाज करने वाले दो डॉक्टरों का रंग काला पड़ने लगा है, जिससे लोग डरने लगे हैं |बताया जाता है कि ये दोनों डॉक्टर चीन में कोरोना से पीड़ित मरीजों का इलाज करते-करते खुद संक्रमण का शिकार हो गए थे | मौत के मुंह में पहुंच चुके इन दोनों डॉक्टरों को इलाज के बाद बचा तो लिया | लेकिन इनका रंग बदलने से वे हैरत में है | बताया जाता है कि संक्रमण के चलते इनके लिवर पर वायरस का खतरनाक प्रभाव पड़ा था |
द डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, 42 साल के दोनों डॉक्टर यी फैन और डॉ हू वेफेंग जनवरी महीने में वुहान सेंट्रल अस्पताल में मरीजों का इलाज करते हुए खुद कोरोना वायरस के शिकार हो गए थे | ये दोनों डॉक्टर चीन में कोरोना वायरल के व्हिसल-ब्लोअर ली वेनलियानग के सहयोगी हैं, जिन्हें वायरस के बारे में खुलासा करने के बाद दंडित किया गया था | हालांकि 7 फरवरी को इस बीमारी से उनकी मौत हो गई थी | डॉ यी फैन वुहान में हृदय रोग विशेषज्ञ के तौर पर काम करते थे | जानकारी के मुताबिक 39 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद उन्होंने कोरोना वायरस पर जीत हासिल कर ली थी | उन्हें जिस मशीन के जरिए बचाया गया उसे ईसीएमओ कहते हैं | यह मशीन शरीर के बाहर खून में ऑक्सीजन को पंप करके दिल और फेफड़ों को काम करने में मदद करती है |
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