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वहीं युवक ने भी स्वयंसेवक पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। चश्मदीदों के मुताबिक घटना के वीडियो में शहर के एमआर-10 रोड पर पीले रंग की महंगी कार से जा रहे युवक को काली वर्दी पहना एक स्वयंसेवक रोकता दिखाई दे रहा है। उस वक्त युवक दो सीटों वाली महंगी कार में अकेला था और उसने कार की छत खोल रखी थी। वीडियो में दिख रहा है कि गाड़ी सड़क के किनारे लगाने के बाद युवा चालक नीचे उतरकर स्वयंसेवक को कर्फ्यू का पास दिखाने की कोशिश करता है।
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उठक-बैठक लगाने वाले युवक की पहचान 20 वर्षीय संस्कार दरयानी के रूप में हुई है। वह शहर के उद्योगपति दीपक दरयानी का बेटा है। घटना से जुड़ी सुपरकार उद्योगपति की कंपनी के नाम से पंजीकृत है। संस्कार ने कहा, “मेरा परिवार कर्फ्यू के दौरान सेवा कार्य करते हुए गरीब लोगों को भोजन मुहैया करा रहा है। घटना के वक्त मैं खाने के पैकेट बांटकर अपने घर जा रहा था। मैं गाड़ी चलाने का लाइसेंस और कर्फ्यू के आधिकारिक पास के साथ बाहर निकला था लेकिन नगर सुरक्षा समिति के स्वयंसेवक ने मेरी एक नहीं सुनी।
उद्योगपति ने बताया कि उन्होंने रविवार को हीरानगर थाने पहुंचकर नगर सुरक्षा समिति के स्वयंसेवकों के बुरे बर्ताव की पुलिस को मौखिक शिकायत की है।
हीरानगर पुलिस थाने के प्रभारी राजीव भदौरिया ने बताया, “मुझे सुपरकार चला रहे युवक के सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो की जानकारी मिली है लेकिन इस वीडियो के सत्यापन के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।” उन्होंने युवक और उसके पिता के आरोपों पर टिप्पणी किये बगैर कहा कि कोविड-19 को रोकने के लिए शहर में लागू कर्फ्यू के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ नगर सुरक्षा समिति के कई स्वयंसेवक भी अलग-अलग स्थानों में ड्यूटी कर रहे हैं, जिन्हे लॉकडाउन के तहत नियमों का पालन करवाने के लिए पाबंद किया गया है।