1500- 2000 हजार करोड़ तक का इन्वेस्टमेंट नए कंटेंट में करने को तैयार बैठे हैं डिजिटल प्लेटफॉर्म वाले
सिनेमा घर वालों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से कड़ी टक्कर मिलने जा रही है। ट्रेड पंडितों और प्रोड्यूसर्स ने बताया है की सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म वालों ने अब तक बन चुकी ज्यादातर फिल्मों और वेब शो को अप्रोच किया है। वे लोग 1500 से लेकर 2000 करोड़ तक का इन्वेस्टमेंट करने को तैयार बैठे हैं। ऐसे में बेहतर डील मिलने पर प्रोड्यूसर्स उसमें दिलचस्पी दिखा सकते हैं। नवीनतम घटनाक्रम यह है कि सलमान खान की राधे भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डायरेक्ट रिलीज़ होने को राज़ी है। इस पर आधिकारिक जानकारी सलमान खान के करीबियों से दैनिक भास्कर को खास तौर पर मिल गई है।
उनके मैनेजर और सलमान खान प्रोडक्शन के बिजनेस डील को देखने वाले जॉर्डी पटेल ने इस बात की ताईद कर दी है। उन्होंने कहा, ' इंडियन प्रोड्यूसर्स उस सिचुएशन में नहीं हैं,जिसके तहत वह अगले एक साल तक फिल्मों की रिलीज का इंतजार कर सकते हैं। ढेर सारे डिपार्टमेंट के लोगों का काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है। अक्षय कुमार की लक्ष्मी बम तो फॉक्स स्टार स्टूडियो की है। सुन रहे हैं कि वह हॉटस्टार पर डायरेक्टर रिलीज हो सकती है। हमें भी अगर राधे के लिए अपॉर्चुनिटी मिलती है तो हम ओटीटी पर जा सकते हैं।
हालांकि हमारी फिल्म अभी कंप्लीट नहीं है तो इस बारे में हम सोच नहीं रहे हैं। लेकिन हमें नहीं मालूम कि कौन सिनेमा घर जाएंगे? सिनेमाघरों में जाकर सिनेमा देखना लोगों की आमतौर पर लीस्ट प्रायरिटी होती है। जून-जुलाई तक तो लॉक डाउन मुंबई जैसे जगहों में होने की खबरें मिल रही है। जब तक वैक्सीन नहीं निकलती। वह तो हमारी जिंदगी में रहने ही वाला है। ऐसे में पब्लिक प्लेस पर कौन जाएगा? बगल में कौन बैठा है उसका किसे पता? वह मन का डर नहीं जाने वाला है। मुंबई जबकि कलेक्शन के लिहाज से सबसे बड़ी टेरिटरी है।
दूसरी चीज अगर पिक्चर को लेकर हम लोग 6 महीने 8 महीने बैठ जाते हैं तो वह स्टेल हो जाती है ना। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि एक साल रुक गए। फिर देखा जाएगा। स्टेक्स बहुत हाई हैं। एक बड़े बजट की फिल्म पर। ऐसे में अच्छा ऑफर आता है तो जरूर कॉल ले लेंगे।
लेकिन सलमान की फिल्मों का बिजनेस आमतौर पर 300 से 350 करोड़ माना जाता है। इतनी बड़ी रकम ओटीटी वाले देंगे क्या? इस पर जॉर्डी पटेल कहते हैं कि कैलकुलेशन तो वही रहेगा। वो अपनी बात रखते हैं, '300 करोड़ का अगर बिजनेस होता है तो अपने हाथ में 150- 160 करोड़ आता है'। उस हिसाब से ओटीटी ऑफर देगा।
यानी अगर ओटीटी प्लेटफॉर्म वाले ढाई सौ से तीन सौ करोड़ का ऑफर देते हैं तो सलमान डायरेक्ट डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज कंसीडर करेंगे? जॉर्डी पटेल कहते हैं कि अगर ढाई सौ करोड़ तक का ऑफर आता है तो उसे देखते हुए कॉल लिया जाएगा। फिल्म की लागत भी हमें देखनी होगी। हम ओटीटी के लिए ओपन हैं। उसे थिएटर पर ही रिलीज करेंगे,ऐसी कोई कसम नहीं खाई है। थिएटर जब तक चालू नहीं होंगे, तब तक हम बैठे रहेंगे, ऐसा कुछ नहीं है। हम भी ओटीटी पर जा सकते हैं। एकाध दो फिल्म वहां डाल सकते हैं।
हालांकि, जाहिर तौर पर हम सब चाहते हैं कि हमारी बड़ी पिक्चरें थियेटर में रिलीज रिलीज हो। हमारे फैंस भी वह चाहते हैं। लेकिन हालात अच्छे नहीं हैं और पिक्चर बनकर तैयार है तो उसे डब्बे में रखने का कोई मतलब नहीं है।
बॉक्स : 1500 से दो हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट
हाल ही में जी5 पर अपनी फिल्म बमफाड़ रिलीज करने वाले प्रोड्यूसर प्रदीप कुमार बताते हैं, ' डिजिटल प्लेटफॉर्म वालों की बहुत आक्रामक योजना है। मैंने भी सुना है कि वह लोग आने वाले दिनों में 1500 करोड़ से लेकर 2000 करोड़ तक का इन्वेस्टमेंट करने को तैयार बैठे हैं। मुझे नहीं मालूम कि एग्जैक्ट फिगर यही है, लेकिन ये कहीं से कम नहीं है। बड़े बजट की फिल्में साल भर में गिनती की होती है। ज्यादातर मीडियम और छोटे बजट की फिल्में होती हैं, जिनको लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी कंज्यूम करते रहे हैं। लॉक डाउन में सिनेमा देखने की आदत बदली है और मुमकिन है कि उस प्लेटफार्म पर ज्यादा कंटेंट देखने को मिले। बल्कि जब तक लोकडाउन पीरियड रहने वाला है और कोरोना की वैक्सीन आने वाली है, तब तक लोग एंटरटेनमेंट का कंटेंट डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कंज्यूम करेंगे। ऐसे में उनके लिए यह बड़ी अपॉर्चुनिटी है और जाहिर तौर पर वे इसमें पूरा जोर लगा रहे हैं। वे अपने ओरिजिनल कंटेंट को बनाने के लिए लिए 3 से 8 करोड़ तक का बजट रख रहे हैं। '
ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श कहते हैं, ' यह बात सच है कि ओटीटी वालों ने सब को एप्रोच किया है। अभी तक हालांकि किसी ने कॉल नहीं लिया है, क्योंकि प्रोड्यूसर्स को लगता है कि ओटीपी पर फिल्में आ गई तो उनका थिएटर का रेवेन्यू तो गया। भारत के संदर्भ में आज भी थिएटर से ज्यादा कलेक्शन होता है। फर्ज करें कि बजरंगी भाईजान का टोटल कलेक्शन 300 साडे 300 करोड़ का तब हुआ था, जब देश और विदेश दोनों जगहों से थीएट्रिकल रेवेन्यू आया था। अब ओटीटी से अगर कोई ढाई सौ 300 करोड़ का ऑफर दे तो बात अलग है।
इतनी बड़ी रकम लगता नहीं कि ओटीटी वाले देने को तैयार होंगे। थिएटर वाले भी लगातार प्रोड्यूसर्स और बड़े स्टार से रिक्वेस्ट तो कर ही रहे हैं कि फिल्में थिएटर में ही लगाई जाए। हालांकि ओटीटी के साथ रस्साकशी चल तो रही है यह तय है। बजरंगी भाईजान को ओटीटी वाले अगर डेढ़ सौ करोड़ का ऑफर देते तो उन्हें तो घाटा ही होता ना। तो उस स्केल की सूर्यवंशी, 83 या कोई और फिल्म सवा सौ से डेढ़ सौ करोड़ का घाटा क्यों चाहेगा?'