
उनका कहना है कि लॉकडाउन में किराना और सब्जियों को छोड़कर सभी दुकानें बंद हैं। हमने एक महीना तो इंतजार किया, लेकिन अब न इतनी पूंजी है और न इतनी बचत कि घर बैठकर खा सकें। परिवार चलाने के लिए भारी मन से सुनारी का काम छोड़कर सब्जियां बेचने काम शुरू कर दिया है। अपनी दुकान के काउंटर को पीछे कर उन्होंने सब्जियां लगा ली हैं। हर रोज मंडी से सब्जियां लाते हैं और बेच कर अपने घर का खर्च चलाते हैं।