नई दिल्ली।। कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका और यूरोपीय देशों में बच्चों में एक दुर्लभ बीमारी फैल रही है। इसमें बच्चों के शरीर में खून पहुंचाने वाली रक्त धमनियों में सूजन आ जाती है। ज्यादातर डॉक्टर संक्रमण को इसकी वजह मान रहे हैं। कम से कम छह देशों में ऐसी दुर्लभ बीमारी के 100 मामले देखे गए हैं। इसे कावासाकी से मिलता-जुलता माना जा रहा है।
ब्रिटेन में पहला मामला:
इस बीमारी का पहला मामला लंदन में पिछले महीने सामने आया था। यहां के स्वास्थ्य विभाग ने सभी बाल रोग विशेषज्ञों को चेतावनी भेजते हुए कहा था कि कई ऐसे बच्चे अस्पतालों के आईसीयू में हैं, जिनमें कावासाकी नामक बीमारी देखी गई है। इसमें रक्त वाहिकाओं, हृदय और अन्य अंगों में सूजन आ जाती है। यूके में अब तक 19 बच्चों में इस बीमारी के लक्षण देखे गए हैं लेकिन किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है।
फ्रांस में भी बच्चे प्रभावित:
फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ऑलिवर वेरान ने कहा, देश में एक दर्जन ऐसे बच्चे अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं, जिनके दिल के आसपास सूजन पाई गई है। हालांकि, अब इसे कोरोना से जोड़ने के लिए ज्यादा सबूत मौजूद नहीं है, पर इन मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है। मरीजों में सभी उम्र के बच्चे हैं। उधर, स्पेन, इटली और स्विट्जरलैंड में भी कई मामले देखने को मिले हैं। इसके लक्षणों में बुखार, पाचन में समस्या और वाहिकाओं में सूजन शामिल हैं।
मोटे लोगों को खतरा:
कोरोना से होने वाली मौतों में मोटापा और डिमेंशिया भी एक बड़ा कारक है। क्लीनिकल कैरेक्टराइजेशन कंसोर्टियम द्वारा शोध कोरोनाग्रस्त करीब 17,000 मरीजों पर किया गया। जो मरीज अस्पताल में भर्ती किए गए, उनमें से 53 प्रतिशत ऐसे थे, जो किसी न किसी हृदय की पुरानी बीमारी से ग्रसित थे।