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बुखार की दवा लेने निकले और कोरोना संक्रमित हो गए, फिर गई जान

      नोएडा।। घर से पत्नी के साथ बुखार की दवा लेने के लिए निकले थे, लेकिन अशोक सिंह को क्या पता था कि कोरोना वायरस की चपेट में आ जाएंगे। गलगोटिया कॉलेज के क्वारंटाइन सेंटर से लेकर शारदा अस्पताल तक वह पूरी तरह स्वस्थ थे। फोन पर सभी से बात करते थे। हर बार वह अस्पताल से बाहर ले चलने की बात करते थे। उनके मन में कोराना का डर बैठ गया था। उनकी बातचीत से लगता था कि वह मानसिक दबाव महसूस कर रहे हैं। 
    नोएडा निवासी अशोक सिंह को बुखार आया तो वह दवा लेने के लिए पत्नी के साथ निजी अस्पताल पहुंच गए। जिला अस्पताल होते हुए वह जिम्स पहुंच गए और यहां से क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती हो गए। अशोक सिंह में कोरोना जैसे कुछ लक्षण तो थे, लेकिन शुरुआत में उनकी पत्नी में कोई लक्षण नहीं थे। 
    अशोक सिंह ने अपने दोस्तों को बताया था कि उनके तीन बार सैंपल लिए गए। तीसरी बार में दोनों पॉजिटिव पाए गए। शारदा अस्पताल पहुंचने के बाद अशोक सिंह सभी से बात करते थे। अपने स्वास्थ्य के बारे में बताने के साथ ही वह दूसरों की कुशलक्षेम भी लेते थे। सोमवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी तो फिर बिगड़ती ही चली गई। फिर डॉक्टर तमाम प्रयासों के बाद उन्हें बचा नहीं पाए। 
    आईसीयू के बाहर घंटों खड़ी रहीं अशोक की पत्नी : कोरोना वार्ड से जब अशोक सिंह को आईसीयू में ले जाया जा रहा था तो उनकी पत्नी उन्हें देख रही थीं। वह फोन पर अपने संबंधियों से बार-बार यही कह रही थीं कि कोई उन्हें देख नहीं रहा है। उनको परेशानी है। उनकी पत्नी ने बताया कि बाद में उन्होंने बोलना बंद कर दिया। वह यही बात कहकर रो पड़ती हैं। आईसीयू में जाने के बाद वह कई घंटे उसके बाहर ही खड़ी रहीं। बाद में उन्हें मेडिकल स्टाफ वार्ड में लेकर आया। 
वीडियो कॉलिंग से कराए अंतिम दर्शन 
    बेटी गुजरात और अशोक सिंह के परिजन बनारस में होने के चलते उनकी अंत्येष्टि में भी कोई नहीं आ सका। लॉकडाउन ने परिजनों की दूरी और बढ़ा दी। चाहकर भी उनके अपने नोएडा तक आ नहीं पाए। शारदा अस्पताल ने परिजनों को तकनीक के जरिये अंतिम दर्शन कराए। सेक्टर-94 स्थित अंतिम निवास से वीडियो कॉलिंग कर पत्नी और उनकी बेटी को उनके अंतिम दर्शन कराए गए। इस दौरान माहौल काफी गमगीन हो गया।
गुजरात में रह रही बेटी को सांत्वना दी 
     गुजरात में रह रही अशोक की बेटी से डीएम सुहास एलवाई ने फोन पर बात की। उसे सांत्वना दी। डीएम ने अपना भी अनुभव साझा किया। डीएम ने उनकी बेटी से कहा कि आप परेशान मत होइये। पिता को खोने का गम वह समझ सकते हैं। यहां पर अंतिम संस्कार पूरे विधान के साथ कराया जाएगा। डीएम से बात करके अशोक की बेटी को भी राहत मिली। उसने डीएम से अपनी सारी बात बताई। जिलाधिकारी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि यहां पर अंतिम संस्कार में किसी तरह की रुकावट नही आएगी।

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