कोरोना वायरस फैलने को लेकर अमेरिका लगातार चीन पर हमलावर रहा है. चीन पर अमेरिका आरोप लगाता रहा है कि यह वायरस लैब से बना है. लेकिन चीन व WHO इससे इंकार करता रहा है. लेकिन एक घटना ने चीन व अमेरिका दोनों पर शक करने को मजबूर कर दिया है. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस पर अहम रिसर्च कर रहे पीट्सबर्ग के 37 वर्षीय चीनी प्रोफेसर बिंग लिऊ की अमेरिका के पेनसिलवानिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई है, बाद में हत्यारे ने खुद को भी मार दिया.
लिऊ यूनिवर्सिटी ऑफ पीट्सबर्ग के मेडिसिन विभाग के स्कूल ऑफ मेडिसिन में असिस्टेंट प्रोफेसर थे. बिंग लिऊ के सहायक प्रोफेसरों ने कहा कि, लिऊ सार्स -कोव -2 संक्रमण से जुड़े कोशिकीय तंत्र को समझने की दिशा में अहम खोज के करीब थे. बिंग लिऊ अपने रिसर्च को सार्वजनिक करने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही उनकी हत्या कर दी गईं. प्रोफेसरों ने कहा है कि उनके रिसर्च में कुछ ऐसा था जिसे कुछ लोग सामने नहीं आना देना चाहते थे. हो सकता है चीन व अमेरिका दोनों देश में से किसी के हाथ प्रोफेसर लिऊ के खून से रंगे हैं.