चोर की ईमानदारी, चुराई गई मोटर साईकिल पार्सल के जरिये गाड़ी मालिक तक पहुंचाई, वक़्त ने चोर बनने के लिए किया मजबूर
कोयंबटूर।। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रसार कारण लगे लॉक डाउन के चलते एक शख्स को चोरी के लिए मजबूर होना पड़ा | उसे अपने परिवार को सुरक्षित घर पहुँचाना था | ट्रेन और बस सब कुछ बंद था | उसके पास कई वाहन भी नहीं था | इस दौरान बने अवांछित माहौल के बीच इस शख्स ने एक मोटर साइकिल चुराई और अपने घर चला गया | इसके बाद उसने उस मोटर साइकिल को पार्सल के जरिये उसके मालिक तक पहुंचा दिया | घटना कोयंबटूर के सुलूर इलाके की है | यहाँ के एक लेथ वर्कशॉप के मालिक को उसकी चोरी हुई मोटर साइकिल पार्सल के जरिये वापस मिल गई।
वर्कशॉप मालिक वी सुरेश कुमार को पार्सल एजेंसी से फोन आया कि एक उन्हें एक मोटर साइकिल भेजी गई है। उनके मुताबिक यह मोटर साइकिल 18 मई को चोरी हो गई थी। मोटर साइकिल चोरी होने के बाद वह पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने गए थे लेकिन पुलिस ने उन्हें यह कह कर वापस भेज दिया था कि अभी वह कोरोना वायरस समस्या से निपटने में व्यस्त हैं | यही नहीं चोर को पकड़ने में फिलहाल वह उनकी सहायता नहीं कर पाएंगे। वे इससे निराश हुए | हालाँकि पुलिस के रुख के बाद मामला अपने हाथ में लेते हुए पीड़ित कुमार ने उस इलाके में लगे एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की सहायता से जांच शुरू की।
उन्होंने तस्वीरों से चोर को खोज निकाला | चोर की तस्वीरों की पहचान जानने के लिए उन्होंने यह फुटेज आस-पास के लोगों को दिखाया। पीड़ित कुमार की खोजबीन में पता चला कि मोटर साइकिल चुराने वाला व्यक्ति कुमार की फैक्टरी के पास एक चाय की दुकान पर काम करता था। उसकी पहचान प्रशांत के रूप में हुई। बताया गया कि प्रशांत मन्नारगुड़ी कस्बे से था, जो कोयंबटूर से करीब 240 किलोमीटर दूर है। लॉकडाउन के चलते उसके पास कोई काम नहीं था।
वह अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर अपने घर वापस जाना चाहता था। ऐसे में उसने मोटर साइकिल चुराने का विचार किया और उसे अंजाम तक पहुँचाया | दरअसल वो अपने परिवार को घर ले जाना चाहता था | कुमार की मोटर साइकिल लेकर वो चंपत हो गया। इसके बाद उसने पीड़ित को उसके वाहन के बारे में जानकारी दी | पीड़ित ने मोटर साइकिल में रखी आरसी बुक में लिखे पते पर मोटर साइकिल भेजने को कहा। इसके बाद चोर ने पार्सल चार्ज 13,400 रुपये का भुगतान किया। हालांकि, कुमार को भी मोटर साइकिल प्राप्त करते वक्त 1400 रुपये अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा क्योंकि इसके इंश्योरेंस कागज की कीमत 34 हजार रुपये थी।
इस पूरे मामले पर मोटर साइकिल के मालिक सुरेश कुमार ने कहा, कम से कम मुझे बाइक वापस मिल गई और वह भी सही सलामत स्थिति में। उसके मुताबिक लॉकडाउन के बाद उसने अपना काम दोबारा शुरू किया था और बिना मोटर साइकिल के बहुत दिक्कत हो रही थी।