बिहार में प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में रह रहे प्रवासी मजदूर के साथ-साथ बाहर रह रही कई महिलाएं भी श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आ रही है। सरकार के निर्देशानुसार दूसरे राज्य के आने वाले प्रवासियों को 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन किया जा रहा है। प्रखंड स्तर पर चयनित क्वारेंटाइन सेंटर से लापरवाही की कई तस्वीरें पहले भी सामने आ चुकी है। लेकिन अब जो मामला सामने आया है वो सरकार के दावें के साथ-साथ स्थानीय अधिकारियों की विवेशशून्यता की जीती-जागती मिसाल है। लापरवाही के ताजा मामले में क्वारेंटाइन सेंटर में रह रही प्रवासी महिलाओं को पहनने के लिए साड़ी के बदले लुंगी थमा दी गई।
सुविधाओं के नाम पर केवल खानापूर्ति
बिहार के दरभंगा जिले के बिरौल प्रखंड के मध्य विद्यालय देवकुली धाम में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में रखी गई महिलाओं को साड़ी के बदले लुंगी दे दी गई। जिला प्रशासन की इस लापरवाही के कारण लोगों में आक्रोश है। प्रवासियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों का भी कहना है कि जिला प्रशासन क्वारेंटाइन सेंटर में सुविधाओं के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति कर रही है। हालांकि महिलाओं की लुंगी दिए जाने का मामला मीडिया में आने के बाद सीओ राकेश कुमार ने अपनी गलती स्वीकार ली है। उन्होंने कहा कि मामला मेरी जानकारी में आया है। जल्द ही प्रवासी महिलाओं को साड़ी सहित अन्य परिधान उपलब्ध कराया जाएगा।
ऐसे उजागर हुआ मामला
उल्लेखनीय हो कि प्रवासी महिलाओं को साड़ी दिए जाने का मामला प्रकाश में तब आया जब मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान ने क्वारेंटाइन की गड़बड़ियों पर सीएम को शिकायती ई-मेल किया। संस्थान के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुमार चौधरी ने बताया कि देवकुली धाम मध्य विद्यालय में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, बेंगलुरू और मुंबई से आए करीब 40 प्रवासी रह रहे हैं। इसमें सात महिलाएं भी है। प्रवासी महिलाओं को पुरुष प्रवासियों के साथ-साथ पहनने के लिए लुंगी दे दिया गया। प्रकाश ने मामले की शिकायत स्थानीय अधिकारियों के साथ-साथ डीएम से भी की है।