झारखंड के पलामू से एक दर्दनाक घटना सामने आई है. जहां पर कोरोना वायरस से जुड़े अंधविश्वास के कारण एक महिला की मौत हो गई. पांडु के सिलदिली के टोला सिकनी में 20 से 25 महिलाओं ने कोरोना माई का उपवास रखा था. जिसमें 40 साल की बैजंती देवी भी इसमें शामिल थीं. शाम को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. ब्लड प्रेशर लो होने के साथ उनमें लकवा के भी लक्षण दिखने लगे. जिसके बाद उनकी मौत हो गई.
बैजंती देवी को पेट में दर्द भी था और रात 9:00 बजे हालत गंभीर होने पर परिजन उन्हें इलाज के लिए मेदिनीनगर लेकर जा रहे थे लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई. लोगों ने बताया कि इस गांव में महिलाओं के बीच अफवाह फैली थी कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कोरोना माई का उपवास करना जरूरी है जो महिलाएं व्रत करेंगी उनके खाते में पैसे भी दिए जाएंगे.
मृतका मूलरूप से रतनाग की रहने वाली थी. लेकिन पूरे परिवार के साथ सिकनी में रहती थी. यहीं खेतीबारी का काम करती थी. पांडू पुलिस ने महिला के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीनगर स्थित पलामू मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया.
विश्रामपुर एसडीपीओ सुरजीत कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया लगता है महिला की मौत बीमारी से हुई है. सुनने में आ रहा है कि उसने कोरोना माई का कोई व्रत रखा था. उपवास के कारण उसकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में मौत हो गई. थाना प्रभारी ने लोगों से कहा कि इस महामारी से बचाव के लिए किसी तरह के अंधविश्वास न पड़ें. इससे बचने के लिए मास्क का उपयोग करें एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करें.