दिल्ली तक यह खबर क्यों नहीं आई? गुटखे का अवैध कारोबार, चार सौ करोड़ के टेक्स चोरी
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दिल्ली तक यह खबर क्यों नहीं आई? गुटखे का अवैध कारोबार, चार सौ करोड़ के टेक्स चोरी

   नई दिल्ली।। दिल्ली तक शायद यह खबर आई नहीं कि मध्य प्रदेश के इंदौर में बीते एक हफ्ते से गुटखा के अवैध कारोबार और पाकिस्तान तस्करी पर हंगामा मचा है इसमें अभी तक चार सौ करोड़ के टेक्स चोरी का खुलासा हुआ है और "दबंग दुनिया" अखबार का मालिक किशोर वाधवानी इस मामले के मुख्य सूत्रधार के रूप में बम्बई की एक होटल से गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन इस असल मामले का एक पक्ष नागरिकता संशोधन कानून से जुडा है. जान लें इंदौर में कई सौ ऐसे पाकिस्तान से आये सिन्धी परिवार हैं जो बीस साल से अधिक से वहां रह रहे हैं, वे आलिशान जिंदगी जीते हैं, और सीएए से उन्हें यहाँ नागरिकता की उम्मीद बंध गयी थी. उनसे कभी किसी ने नहीं पूछा कि शरणार्थी हो कर भी उनके पास इतना पैसा कहाँ से आया?गुटखा कारोबार के अवैध धंदे का जब खुलासा हुआ तो पता चला कि सारे खेल में ऐसे ही सिन्धी भाई सिपहसालार हैं.  
    गत शनिवार को डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआइ) ने नकली गुटखा-पान मसाला की बड़ी खेप के साथ सियागंज के व्यापारी गुरनोमल माटा, उसके दो बेटों और उनके साथ काम करने वाले व्यक्ति राज कुंडल को पकड़ा था। इनके ठिकानों से बोरों में भरकर रखी गई नकदी भी बरामद की थी। जानकारी के मुताबिक, 1990 के बाद गुरनोमल पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गया था। उसके बाद से ही वह इस गोरखधंधे में जुट गया था। गुरनोमल को अब तक भारत की नागरिकता नहीं मिली है। 
    शहर के एक बड़े सिगरेट कारोबारी के लिए काम करते हुए इंडोनेशिया से आने वाली और नकली सिगरेट महाराष्ट्र भेजने का काम भी माटा बंधु कर रहे थे। सालभर पहले धुलिया में एक करोड़ रपये कीमत की सिगरेट की खेप पकड़ी गई थी। उसमें भी इस मामले में पकड़े गए संजय माटा का नाम आया था। सूत्रों ने बताया कि सियागंज के बड़े सिगरेट व्यापारी की मध्यस्ता के चलते संजय प्रकरण से बाहर हो गया था। डीआरआइ सिगरेट तस्करी के सूत्र भी तलाशने में लगी है। इस बीच जांच में मदद के लिए बाहर के अधिकारियों की टीम भी इंदौर पहुंच गई है। पूरे प्रकरण में टैक्स, ड्यूटी चोरी और पेनल्टी का आंकड़ा सौ करोड़ तक पहुंचने के आसार हैं।
    गुटखा तस्करी में आरोपित बने दो व्यक्ति पाकिस्तानी नागरिक हैं। इनमें से एक संजय माटा पकड़ा गया है, जबकि दूसरा पाकिस्तानी संदीप माटा फरार है। संजय के कॉल रिकॉर्ड में पाकिस्तान के कुछ नंबरों से लगातार बात होने की जानकारी जांच एजेंसियों को मिल चुकी है। फोन और लैपटॉप से हवाला के लेनदेन के भी बड़े पैमाने पर सबूत मिले हैं। अब खंगाला जा रहा है कि पाकिस्तान में रिश्तेदारों से सिर्फ बातचीत के लिए नंबर का इस्तेमाल हो रहा था या हवाला कारोबार और तस्करी के तार इनसे जुड़े हैं। आशंका है कि तस्करी से अर्जित काला धन हवाला के जरिए विदेश तक भेजा गया। जिन ट्रकों से यह अवैध गुटखा भेजा जा रहा था उन ट्रकों पर प्रेस ड्यूटी लिखा हुआ था। डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस और डायरेक्टर जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज इंटेलिजेंस (डीजीडीएसआई) की जांच में यह बात भी सामने आई है कि माटा और उसकी गैंग मिलकर देशभर में एक दिन में 300 करोड़ रुपए के हवाला कारोबार को अंजाम देती थी। कार्रवाई गुरुवार को भी जारी है।
   मान लें इस खबर में माटा की जगह मुहम्मद होता -- उसका कोई रिश्तेदार ही पाकिस्तान में होता तो खबर का आकार, विस्तार, विमर्श किस रूप में होता ? सच बताना क्या यह खबर आपको पता थी? 




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