जब भी हमारे देश में कोई आपदा आती है तो उस आपदा में भी लोग कमाई कैसे करें इसका रास्ता निकाल ही लेते है और आपदा को अवसर में तब्दील कर माल कमाने में लग जाते है। जी हां कोरोना टीकाकरण (Coronavirus Vaccination) के लिए बने कोविड पोर्टल पर हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स के हजारों नाम एक ही मोबाइल नंबर पर दर्ज हैं. नतीजतन कई लोगों को दूसरे डोज की जानकारी ही नहीं मिल पाई, जबकि मंत्री जी कह रहे है की वैक्सीनेशन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है.
कोरोना वायरस (Coronavirus) से निपटने के दावों के बीच अपने आप को साफ़ सुथरी पार्टी का तमगा देने वाली स्वयंभू राष्ट्रवादी भाजपा पार्टी के मध्यप्रदेश में टीका लगाने में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. टेस्ट कराने वाले हजारों लोगों के पते तो फर्जी मिले ही हैं, कोरोना टीकाकरण (Coronavirus Vaccination) के लिए बने कोविड पोर्टल पर हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स के हजारों नाम भी एक ही मोबाइल नंबर पर दर्ज हैं. नतीजतन कई लोगों को दूसरे डोज की जानकारी ही नहीं मिल पाई है. इस पूरे मामले की जानकारी जब मुख्यमंत्री तक पहुंची तो हड़कंप मचना ही था.
जांच के आदेश
इस पर शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि लिस्ट अलग-अलग विभागों से आई थी, हमने ही ये त्रुटि पकड़ी है. ये ह्यूमन एरर है, हमने खुद ही गलती पकड़ी और इसे सही किया है. इस गलती के कारण वैक्सीनेशन प्रोग्राम बिगड़ा नहीं वो सही चला. जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं.
मोबाइल नंबर का रिकॉर्ड एक जैसा
बता दें कि जनवरी में देश की तरह, मध्यप्रदेश में पहली वैक्सीन लगाने के लिये वैक्सीनोत्सव जैसा आयोजन हो गया, लेकिन उसके बाद टीकाकरण अभियान की 11 फरवरी को बनी एनएचएम की रिपोर्ट में पता लगा कि राज्य में टीका लगवाने वाले 1,37,454 कर्मचारियों के मोबाइल नंबर का रिकॉर्ड एक जैसा पाया गया है.
इनमें 83598 स्वास्थ्यकर्मी, नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के 32422, राजस्व विभाग के 6977, गृह विभाग के 7338 और पंचायती राज विभाग के 119 कर्मचारियों के एक जैसे मोबाइल नंबर मिले हैं. जिलों में इंदौर में 17644, जबलपुर में 11703, भोपाल में 8349 मोबाइल नंबर एक समान पाए गए हैं.
राजेश परमार स्वच्छता प्रभारी हैं, इनके फोन नंबर पर 7 लोगों के नाम दर्ज हैं, इन्हें पहला डोज लग चुका है. ये स्वच्छता प्रभारी हैं, इनके नंबर पर जिनके नाम दर्ज हैं उन्हें अब 17 तारीख को वैक्सीन का पहला डोज लगेगा. बसंत आगर नगर पालिका में सैनिटेशन इंस्पेक्टर हैं, इनके नंबर पर भी 8 लोगों के नाम दर्ज हैं, उनका कहना है कि कई सफाईकर्मी ऐसे हैं जिनके पास मोबाइल नहीं थे इसलिये उनके नाम के आगे बसंत का ही नंबर लिखा गया.
अपनी बारी का इंतजार
अब दिक्कत ये है कि इसकी वजह से जिसका नंबर दर्ज था उसने मैसेज आने पर टीका लगवा लिया. लेकिन, दूसरे हेल्थ वर्कर टीका लगवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहे.
इस मामले पर कांग्रेस ने कहा कि ये बड़ी लापरवाही है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, ‘टेस्ट के मामले में, वैक्सीन के मामले में ढिलाई चल रही है, नाम-पते सब फर्जी नोट हैं, मध्यप्रदेश में एक लाख से ज्यादा एक नंबर पर ही नोट करवा दिया. मैं समझता हूं एक तरह से खिलवाड़ चल रहा है पूरे कोरोना को लेकर.’