बीजेपी नेताओ के गुंडागिर्दी की खबरे आए दिन सुनने और देखने को मिल ही जाती है वही जरात में वाघोडीया के भाजपा विधायक मधु श्रीवास्तव भी अपने तानाशाही बर्ताव के कारण अक्सर विवादों से घिरे रहते है। हाल ही में उन्होंने सार्वजनिक रूप से कैमरे पर मीडिया कर्मियों को धमकी देते हुए कहा, "मैं किसी से बात करके तुम्हें उड़ा दूंगा।"
यह तीसरी बार है जब मधु श्रीवास्तव ने किसी मीडियाकर्मी के साथ ऐसा व्यवहार किया है। हम सभी जानते हैं कि कानून सभी के लिए समान है। यदि कानून सभी के लिए समान है, तो विधायक मधु श्रीवास्तव ने सार्वजनिक रूप से कैमरे पर धमकी देकर कानून का उल्लंघन किया है। इसलिए, मधु श्रीवास्तव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो लोग कानून में विश्वास खो देंगे। अगर कानून के रक्षक चाहते हैं कि लोगों को कानून पर भरोसा हो, तो कानून के रक्षकों को मधु श्रीवास्तव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।यदि कानून के रक्षक मधु श्रीवास्तव के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करते हैं, तो लोगों को यह समझने में देर नहीं लगेगी कि कानून मधु श्रीवास्तव जैसे लोगों के गरेबान पर हाथ डालने से डरता है।
मधु श्रीवास्तव द्वारा सार्वजनिक रूप से कैमरे पर मीडिया कर्मियों को धमकाने की घटना को लेकर मीडियाकर्मियों का मोर्चा कमिश्नर कार्यालय तक पहुँच गया था। जहां, मीडियाकर्मियों ने मांग की है कि मधु श्रीवास्तव के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, शहर के भाजपा प्रमुख को भी इस घटना के बारे में सूचित किया गया था।
सत्ता के भूखे विधायक ऐसा करने की हिम्मत कर सकते हैं क्योंकि हम उनके साहस को बढ़ावा देने के लिए भी जिम्मेदार हैं। जब उन्होंने पहली बार इस तरह का अभिनय किया तो हम चुप थे। हमें उस समय उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। अगर हमने ऐसा किया होता, तो शायद तीसरी बार सत्ता के नशे में धुत कोई व्यक्ति धमकी देने की हिम्मत नहीं करता।
ठिक है, देर आए लेकिन दुरुस्त आए। अब यह देखा जाना बाकी है कि कानून के रक्षक अपनी ओर से क्या कार्रवाई करेंगे और कानून के प्रावधानों के अनुसार दंडित करेंगे या नहीं।