गुजरात में दिन-ब-दिन कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. एक तरफ जहां गुजरात में 8 महानगरों में स्कूलों को ऑफलाइन कर दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ बढ़ते कोरोना मामलों के चलते अहमदाबाद, सूरत जैसे बड़े शहरों में सिटी बस से लेकर पार्क और यहां तक कि जिम और क्लब भी बंद करने का आदेश दिया गया है. कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण बड़े शहरों में एक बार फिर मास्क ड्राइव शुरू की जा रही है. मास्क न पहनने वालों पर 1 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जा रहा है.
इन दिनों गुजरात में विधानसभा सत्र चल रहा है. इस दौरान मास्क न पहनने वाले मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों पर जुर्माने की घोषणा की गई है. जिसके मुताबिक इन लोगों से मास्क न पहनने पर 500 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा.
गौरतलब है कि यही नियम आम जनता के लिए है, लेकिन आम जनता से दोगुना जुर्माना वसूला जाता है. आम जनता से मास्क न पहनने पर 1 हजार रुपये वसूलने का प्रावधान है. आखिर इस तरह की दोहरी नीति क्यों?
विधानसभा परिसर में मास्क न होने पर जुर्माना वसूलने की बात पर बोलते हुए विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा है कि ये नियम विधानसभा परिसर के लिए बनाए गए हैं, क्योंकि कोरोना के मामले काफी ज्यादा हो गए हैं. जो नेता सदन में बोलने के लिए खड़े होते हैं. वो कुछ देर के लिए मास्क उतार सकते हैं लेकिन यदि कोई भी नेता, विधायक बिना मास्क के परिसर में घूमता हुआ पाया गया तो उन पर ये नियम सख्ती से लागू होगा.
आपको बता दें कि कांग्रेस विधायक ने जब ये सवाल पूछा कि राज्य में मास्क न पहनने पर अप्रैल से लेकर दिसंबर 2020 तक कितने रुपये जुर्माना वसूला गया तो सरकार ने जवाब दिया कि इस बीच सरकार ने 114 करोड़ रुपये, मास्क न होने पर जुर्माने के रूप में वसूले हैं. सबसे अधिक अहमदाबाद में 5,04,828 लोगों से 30,07,32,840 रुपये की वसूली की गई है.