ऑनलाइन नेटवर्किंग व्यवसाय कैसे करें, इसे बढ़ाने के लिए ग्राहकों को लुभाने के लिए कुछ शानदार वाक्य कौन से हैं? या तो आप आज के जीवन में या तो केवल 'वर्क' करेंगे या फिर 'नेटवर्क' करेंगे. सबसे पहले तो नेटवर्क करने का उद्देश्य समझ में आना चाहिए, कि नेटवर्क क्यों करना चाहिए - तभी आप यह समझेंगे कि इसको कैसे कर पाएंगे.
नेटवर्क क्यों?
शायद इस चित्र की मदद से आप समझ पाएं. इनमें से किसी न किसी ऑनलाइन कम्पनी को आपने कभी न कभी तो उपयोग किया ही होगा. इन सारी कंपनियों में कौनसी बात सामान्य है? यह सारी कंपनियां 'प्लेटफार्म इकॉनमी' पर कार्य कर रही हैं.
यदि प्लेटफार्म को बीच में रखा जाये तो प्लेटफार्म के एक ओर ढेर सारे ग्राहक हैं, जो प्लेटफार्म की मदद से ढेर सारे दुकानदारों से ऑनलाइन जुड़ते हैं.. प्लेटफार्म केवल बीच में कमीशन लेती है..
पुरे दुनिया की जनसँख्या ली जाए तो करीबन ७ बिलियन, और यदि इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़ने वाली कंपनियों का आंकड़ा ५ मिलियन भी पकड़ा जाए तो ७ बिलियन लोग इन्टरनेट के द्वारा करीबन ५ मिलियन कंपनियों से रोज़ जुड़ रहे हैं, इसी सिद्धांत के ऊपर.
१. ola / uber लोगों को टैक्सी सर्विस से जोड़ता हैं.
२. बिग बास्केट लोगों को grocery से
३. अमेज़न / flipkart हर तरह की शौपिंग से
४. swiggy / zomato रेस्टोरेंट से
५. makemytrip यात्रा कंपनियों से - ग्राहकों को जोड़ता हैं.
इन सारे प्लेटफॉर्म्स को चलने के लिए कितने कर्मचारियों की ज़रूरत पड़ेगी? और सबसे बड़ी बात अमेज़न की अपनी कितनी दुकानें हैं?
ola/ uber के टैक्सी ड्राईवर इन कंपनियों में नौकरी पर हैं या स्वरोजगार पर?
zomato के रेस्टोरेंट zomato के अपने हैं, या फिर रेस्टोरेंट मालिकों के?
बिग बास्केट की कितनी दुकानें हैं??
कुल मिलाकर इन प्लेटफार्म कम्पनीज की ना किसी ग्राहक के प्रति अधिक जिम्मेवारी है और न ही किसी स्वरोजगारी के प्रति. इनको केवल अपने प्लेटफार्म के दोनों तरफ 'नेटवर्क ' तैयार करना होता है.. और जब यह नेटवर्क खरीदारी करती है, तो प्लेटफार्म कंपनिया पैसा बनाती है.
कितना ? चलिए, ज़रा इनके टर्नओवर की तरफ नज़र डालते हैं.
१. फेसबुक - ८६ बिलियन डॉलर
२. अमेज़न - १२५.५६ बिलियन डॉलर
३. उबर - ७५.५ मिलियन
४. zomato - २४.८६ बिलियन
इनमें से कुछ कंपनियों ने साल २०१९ /२० में नुक्सान भी उठाया है, पर इससे कितना फर्क पड़ेगा? फेसबुक ने whatsapp को २६ बिलियन डॉलर में खरीदा.. एक whatsapp जैसा app बनाने के लिए ५ लाख से भी कम का खर्च आता है..आपको क्या लगता है - फेसबुक ने ५ लाख के app के लिए $२६ बिलियन क्यों दिए?
क्या लाभ होगा नेटवर्किंग करने से?
लॉकडाउन से पहले जो व्यक्ति कहते थे कि हम ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर सकते, ऑनलाइन शौपिंग नहीं कर सकते, वे सभी आज घर बैठकर हर सामान ऑनलाइन मंगा रहे हैं.
नेटवर्क बिज़नेस का असली मुनाफा तो अभी तक सामने आया ही नहीं है.. क्योंकि अब तक यह इन्टरनेट पर ढंग से नहीं आई थी.. पर अब इन्टरनेट ही इस बिज़नस मॉडल को एक ऊँचे स्तर पर लेकर जा सकती है.
क्योंकि नेटवर्क २१वी सदी का सबसे बड़ा एसेट होगी… क्योंकि आज दुनिया के ८५% से भी ज्यादा लोग डिजिटल Real Estate पर बैठे हुए हैं.. मॉल में जाने वाले लोग केवल वही हैं, जो बदलना नहीं चाहते और उनको पुराना तरीका ही सही लगता है.. किसी दिन उनको ना चाहते हुए भी बदलना पड़ेगा.
डिजिटल नेटवर्क बिज़नस का स्कोप
मज़े की बात यह है, की ऊपर जिन कंपनियों की बात मैंने की है, यह २० साल से भी कम की हैं.. फेसबुक भारत में 2008 में आया था, और आज आप देख सकते हैं, कि यह कहाँ पहुँच चुकी है.
ola ने जब शुरुआत की थी, तब हर राइड पर वह केवल ९९ रुपये लेती थी.. पर आज यह सभी के जीवन का हिस्सा है..
केवल १० से भी कम सालों में यह कंपनियां कई मिलियन डॉलर का बिज़नस करती हैं.. कैसे?
इसलिए क्योंकि आप केवल अपने trip का पैसा गिनते हैं, कि कितना सस्ता पडा. पर यह नहीं देखते कि हर रोज़ १५ मिलियन टैक्सी भारतीय सड़कों पर दौड़ती हैं, और हर टैक्सी यदि दिन के १०००/- भी कमाती हो तो १५० करोड़ की आमदनी एक ही दिन में होती है.. वह भी हर रोज़..
क्या आप अकेले पूरा जीवन काम करके इतनी आमदनी कर पाएंगे?
आज हर कोई YouTube channel, Instagram channel बनाने के पीछे पागल हैं - आपने कभी सोचा की यह कंपनियां इतना मुनाफा कैसे कमाती हैं??
क्योंकि YouTube / Instagram / Facebook खुद कंटेंट नहीं बनाते..
वह आपके और हमारे जैसे लोगों को कंटेंट बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, क्योंकि आप जितना कंटेंट बनायेंगे, उतना प्लेटफार्म का नाम बनेगा. और तभी, कुछ अच्छे क्रिएटर्स को उनके काम के लिए पैसा दिया जाता है, हर किसी को नहीं..
आप अपने लिए ऐसा बिज़नस कैसे कर सकते हैं?
देखिये बहुत लोगो को नेटवर्किंग से और नेटवर्क बिज़नस मॉडल से खासी चिढ है.. कुछ लोगों को तो कारण भी नहीं पता की क्यों है.. यह अधिक कमाल की बात है..
यदि आप भीड़ के साथ चलेंगे तो आपको भी वही मिलेगा जो भीड़ को मिलता है.. विडंबना यह है, कि हर कोई अलग पाना चाहता है, पर भीड़ को छोड़ना नहीं चाहता.. और अलग करना नहीं चाहता.. यदि अलग सोचेंगे तो अलग मिलेगा.
आप नेटवर्किंग को तभी अपने लिए फायदेमंद बना पाएंगे जब आप प्लेटफार्म में हिस्सेदारी ले सकें.. यदि आप केवल नेटवर्क का हिस्सा हैं, तो आप केवल स्वरोजगार करेंगे. मिसाल के तौर पर - ola / uber टैक्सी ड्राईवर को जितने trip होते हैं, उनके लिए पैसे देती है, पर ola कंपनी के कुल मुनाफे से कोई हिस्सेदारी नहीं देती..
इसका मतलब आपके पास (प्लेटफार्म + नेटवर्क) दोनों का combination होना चाहिए..
यदि आप अपने लिए कोई प्लेटफार्म बना सकें या फिर ऐसे किसी कंपनी के साथ काम करें जो कि आपको प्लेटफार्म के मुनाफे से हिस्सेदारी देती हो और आपको अपने नेटवर्क पर पैसा कमाने का मौका देती हो, तो आप एक सही बिज़नस मॉडल की तरफ बढ़ रहे हैं.. आप सही चुनाव करने के लिए ऊपर दिए चित्र का उपयोग करके देख सकते हैं, कि आपका चुना हुआ बिज़नस मॉडल इस खाके में बैठता है या नहीं.
नेटवर्क बनाने का उद्देश्य और लोग कहाँ चूक करते हैं?
अंत में यही कहेंगे की नेटवर्क बनाने का कारण यह नहीं होता कि आपको काम नहीं करना पड़ेगा और आपके नीचे लोग काम करेंगे…
इस बात को जान लें कि कोई किसी के लिए काम नहीं करता और आप किसी से अपने स्वार्थ के लिए काम नहीं करवा सकते.. यही कारण है कि अधिकाँश नेटवर्क बिज़नस मॉडल्स फ़ैल हो जाते हैं, क्योंकि इनमें 'लीडरशिप के सिद्धांत' नहीं होते..
नेटवर्क तभी बनता है और मुनाफा करता है जब आप अपने साथ जुड़ने वाले लोगों के जीवन में अपने बिज़नस मॉडल द्वारा बदलाव लाना चाहते हों.
जब आपसे जुड़ने वाले लोगों का भला होता है, तो आपका मुनाफा अपने आप हो जायेगा.