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क्या कोरोना की आड़ में लोगो की जान ली जा रही है ?

इंदौर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मरीजों की जान बचाने से ज्यादा चल रहा कमाई का धंधा
परिवार से 6 रेमेडिसिविर मंगवाए, दूसरे ही दिन मौत, नहीं लौटाए इंजेक्शन
    इंदौर।। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में चाकचौबंद व्यवस्था का दावा करने वाले कलेक्टर-कमिश्नर यहां रोज हो रही गड़बड़ी-लापरवाही-गोरख धंधे से अनभिज्ञ बने हुए हैं। कसावट का ही अभाव है कि मरीज भगवान भरोसे हैं और मुख्यमंत्री ने सपनों के शहर को जो सौगात दी, प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट पर जो भरोसा किया वह निर्रथक साबित हो रहा है। 
    सुपर स्पेशलिटी में रेमडिसिविर इंजेक्शन के नाम पर चल रहे गोरख धंधे की इंतिहा का दूसरा मामला सामने आया है। गंभीर हालत में दाखिल मरीज सुषमा पति धर्मेंद्र मिश्रा के लिए परिजनों से 6 इंजेक्शनों का डोज मंगवाया, जबकि अस्पताल सरकारी होने से मरीजों के लिए सरकार ने इंजेक्शन की निशुल्क व्यवस्था कर रखी है। दूसरे ही दिन मरीज की मौत हो गई, परिजनों ने इंजेक्शन मांगे तो वह भी नहीं दिए।
    सपना संगीता रोड निवासी सुषमा मिश्रा को 15 अप्रैल की रात बैचेनी और घुटन महसूस होने पर परिचित डॉक्टर ने तुरंत ऑक्सीजन की व्यवस्था वाले अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। शहर में किसी भी अस्पताल में बेड नहीं मिलने पर पति धर्मेंद्र मिश्रा ने ऑकसीजन सिलेंडर का इंतजाम किया और पीथमपुर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया। यहां वहां से सिफारिश के बाद 16 अप्रैल को एसएसएच (सुपर स्पेशलिटी) में बेड मिल सका।
   अस्पताल में सुषमा मिश्रा को दाखिल कराने के कुछ देर बाद ही एसएसएच स्टॉफ ने कहा रेमडिसिविर इंदजेक्शन के 6 इंजेक्शन का डोज लेकर आओ। पति धर्मेंद्र ने 48 हजार में 6 इंजेक्शन खरीद कर स्टॉफ को सौंप दिए।इसी बीच अस्पताल के ही एक कर्मचारी ने उन्हें बताया कि सुषमा मिश्रा के नाम से अस्पताल को रेमडिसिविर का डोज अलॉट हो गया है।इलाज के चलते मरीज की हालत बिगड़ती गई और 17 अप्रैल को निधन हो गया।
    अस्पताल प्रशासन ने खानापूर्ति के बाद जब परिजनों को शव सौंपा तो पति ने रेमडिसिविर वापस मांगे ताकि और किसी जरुरतमंद को दान कर सकें लेकिन अस्पताल स्टॉफ ने वापस करने की बजाय जवाब दिया मरीज को लगा दिए। परिजनों ने जब कहा कि 6 इंजेक्शन एक दिन में ही लगा दिए तो स्टॉफ निरुत्तर था लेकिन इंजेक्शन फिर भी नहीं दिए।
   एसएसएच से मृतका सुषमा मिश्रा का शव एमवायएच भेज दिया गया।यहां भी मरचुरी के बाहर बैठे कतिपय लोगों ने कागजों की जांच के नाम पर शव वाले वाहन को रोके रखा, इन लोगों ने भी लेनदेन की मांग की। मृतका। के परिजनों ने हंगामा किया तो तुरंत डैडबॉडी सौंप दी।


(कीर्ति राणा) 

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