अस्पताल में भर्ती मरीजों को लगा दिए 500 नकली रेमडेसिविर, कई की मौत होने की आशंका
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अस्पताल में भर्ती मरीजों को लगा दिए 500 नकली रेमडेसिविर, कई की मौत होने की आशंका

अस्पताल संचालक के खिलाफ FIR
लोगो ने किया विश्वास और कई की मौत होने की आशंका
एक लाख फर्जी रेमडेसिविर इंजेक्शन देशभर के अलग-अलग राज्यों में बेचे गए
    कोरोना महामारी मे लोगो का मनोबल इतना कमजोर हो चूका है कि वह बिना किसी जांच पड़ताल के भी हॉस्पिटल वालों के कहने पर अपने परिजनों को बचाने के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार है। यहाँ तक कि मजबूर लोग अपने परिवार के सदस्य को मौत के मुँह से बचाने के लिए हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर आँख मिच कर विश्वास भी कर रहे है. इसी का बैज़ा फ़ायदा भी हॉस्पिटल वाले भी आजकल खूब उठाने में लगे हुए है। जिस तरह से देश में इस महामारी में भी कालाबाज़ारी और नकली माल को असली बता कर बेचा जा रहा है तो इस पर नकेल कसने के लिए पुलिस की कारवाही में तेज़ी देखने को मिली है. 
    जानकारी मुताबिक नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में पुलिस ने शहर के जाने-माने उद्योगपति और सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के खिलाफ FIR दर्ज की है. मोखा पर आरोप है कि इसने 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कोविड मरीजों को लगा दिए. इन मरीजों में से कई की मौत होने की आशंका जताई जा रही है. पुलिस की टीमें सरबजीत की तलाश कर रही हैं.
    गौरतलब है कि विगत दिनों गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसीवीर मामले में सपन जैन को गिरफ्तार किया था. उसने पूछताछ में सरबजीत सिंह मोखा का नाम लिया. इसके बाद पुलिस ने 48 घंटे के अंदर नकली इंजेक्शन की चैन का भंडाफोड़ कर दिया. जांच में सामने आया कि सरबजीत ने 500 नकली इंजेक्शन इंदौर से मंगवाए थे. इन इंजेक्शन को उसके अस्पताल में भर्ती मरीजों को लगवा दिया गया और उनकी जान से बड़ा खिलवाड़ किया गया.
कई धाराओं में दर्ज हुए मामले
     देर रात जबलपुर की ओमती थाना पुलिस ने इस मामले में धारा 274, 275, 308, 420 समेत डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस के मुताबिक, सरबजीत सिंह मोखा ने सपन जैन के साथ मिलकर बड़ी संख्या में यह नकली इंजेक्शन मरीजों को दिए हैं. इस वजह से कई मरीजों को अपनी जान तक खोनी पड़ी है. पुलिस ने इस मामले में सिटी हॉस्पिटल में कार्यरत मैनेजर देवेश चैरसिया पर भी मामला दर्ज किया.
इस तरह होता गया मामले का खुलासा
   बता दें, गुजरात में नकली इंजेक्शन की फैक्ट्री पर पुलिस ने कुछ दिनों पहले रेड मारी थी. जांच में पता चला था कि करीब एक लाख फर्जी रेमडेसिविर इंजेक्शन देशभर के अलग-अलग राज्यों में बेचे गए हैं. इसी कड़ी में गुजरात पुलिस 7 मई को जबलपुर आई और आधारताल निवासी दवा व्यवसायी सपन जैन को गिरफ्तार कर ले गई. इसके बाद जबलपुर पुलिस भी हरकत में आई थी और लगातार दो दिनों से ताबड़तोड़ छापे मारे. सपन जैन की तीन दवा दुकानों को पहले ही सील कर दिया गया था, जबकि पूछताछ में दो बड़े अस्पतालों के नाम भी सामने आए थे. इसी जांच में सिटी अस्पताल के संचालक का नाम उजागर हो गया.

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