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समर्पण के समय जहां सेना होगी वही हमारी नई सीमा होगी - बेंजामिन नेतन्याहू

आतंकियों से अल अक्सा मस्जिद खाली करा ली गयी
सेना हमास के आत्मसमर्पण तक आगे बढ़ती रहेगी
इजराइल कैसे बना एक जीवट देश?
 मानचित्र में डॉट के बराबर दिखने वाला एक देश   
   इज़राइल दुनिया के नक्शे में एक डॉट के बराबर दिखने वाला एक देश है। तीन इज़राइल मिलकर राजस्थान के बराबर भी नहीं होते। इज़राइल धार्मिक रूप से प्रतिबद्ध देश है, बावजूद इसके आज उसके पास रूस, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है।
खुद का सेटेलाइट सिस्टम
   इज़राइल दुनिया के उन 9 देशों में शामिल है जिनके पास खुद का सेटेलाइट सिस्टम है, जिसकी सहायता से वो ड्रोन चलाता है, अपनी सेटेलाइट टेक्नोलॉजी इज़राइल किसी देश के साथ साझा नही करता।
एंटी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम
   इज़राइल दुनिया का एकमात्र देश है जो एंटी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से पूरी तरह लैस है। इज़राइल की ओर आने वाली हर मिसाइल न सिर्फ रास्ते मे मार गिराई जाती है बल्कि एक मिनट के भीतर मिसाइल दागने वाली जगह की पहचान कर इज़राइल जवाबी मिसाइल दाग कर सब कुछ तहस नहस कर देता है।
इज़राइल अपना नागरिक किसे मानता है?
    नागरिकता को लेकर इज़राइल की स्पष्ट नीति है कि दुनिया के किसी भी हिस्से में रहने वाले यहूदी को इज़राइल अपना नागरिक मानता है। हाँ, यहूदी होने के लिए माँ और पिता दोनों का यहूदी होना अनिवार्य है। हैरानी की बात तो यह है कि जिस कौम की धार्मिक किताब दुनिया भर की धार्मिक किताबों में सबसे ज्यादा खून खराबे का आदेश देती है, वो कौम नोबल पुरस्कारों में डंका पीट देती है।
इज़राइल किस पर फोकस करता है? 
    आखिर ऐसा क्या है यहूदियों में जो न केवल आज दुनिया का सत्तर प्रतिशत कारोबार यहूदियों के हाथ मे है बल्कि अपनी सैन्य शक्ति से वो पूरी दुनिया मे अपनी ताकत का लोहा मनवाते है । इज़राइल की औरतें जिनके लिए आर्मी ट्रेनिग अनिवार्य है, उनकी सोच सिर्फ यहूदी बच्चे पैदा करना नही होती, वो फोकस करती है एक योद्धा, एक बिजनेसमैन, एक कामयाब और जहीन (मेधावी) इंसान पैदा करने पर और ये सोच सिर्फ उसकी नही पूरी कौम, पूरे इज़राइल राष्ट्र की होती है।
     एक कामयाब इंसान पैदा करने की शुरुआत वो उसी वक्त से कर देती है जब उन्हें गर्भ ठहरने का आभास होता है। गर्भ के दौरान यहूदी औरतें अपने पति के साथ गणित के सवाल हल करती है । इसे मेंटल मैथ टेकनिक बोला जाता है, जिसमें सवालो को बोल बोल के हल किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान उनका ज्यादातर वक्त गीत संगीत के बीच एक मधुर वातावरण में बीतता है।
सिगरेट के सभी बड़े ब्राण्ड इज़राइली कम्पनियो के नाम 
     दुनिया भर में सिगरेट के सभी बड़े ब्राण्ड भले ही इज़राइली कम्पनियो के हो लेकिन आप किसी गर्भवती महिला के घर के आसपास भी सिगरेट नही पी सकते। उनका मानना है कि सिगरेट होने वाले बच्चे के डीएनए और जीन्स को खराब कर सकती है। 
इज़राइल में बच्चों को क्या सिखाना जरुरी है?
    बच्चों को जंक फूड देने की सख्ती से मनाही होती है। उन्हें कार्टून, फुटबाल के बजाय तीरंदाज़ी और शूटिंग जैसे खेल खिलाए और सिखाए जाते है। उनका मानना है कि तीरंदाज़ी और शूटिंग जैसे खेल बच्चों में सही फैसले लेने की सलाहियत (अच्छाई) पैदा करते है। स्कूल में भर्ती करने से पहले ही माँ बाप बच्चों को प्रैक्टिकली कारोबारी मैथ सिखाते हैं।
    बच्चों को धार्मिक या अन्य विषयों से इतर साइंस पढ़ने के लिए ज्यादा प्रेरित किया जाता है। पढ़ाई के आखिरी सालों में डिग्री कालेजो में कारोबार स्टडी के लिए उनके ग्रुप बना कर उन्हें टास्क दिए जाते है और सिर्फ उसी ग्रुप के बच्चे पास किए जाते है जो कम से कम 10,000 डॉलर का मुनाफा कमाने में सफल हो जाए। इससे कम मुनाफे वालो को डिग्री नही दी जाती।
    न्यूयार्क में इनका एक सोशल सेट अप सेंटर है जो यहूदियों को बिज़नेस के लिए बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराते है। मेडिकल साइंस के स्टूडेंट को नौकरी करने के बजाय प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए सेटअप उपलब्ध कराया जाता है। इसीलिए पूरी दुनिया मे यहूदी डॉक्टर्स आपको नौकरी में न के बराबर ही मिलेंगे। इज़राइल के नागरिक नौकरी नही करते बल्कि दुनियां के लोगो को नौकरी देते है।
   इज़राइल सिर्फ एक देश एक कौम नही, ये एक इंफ्रास्ट्रक्चर एक सोच है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ाई जाती है। दुनियां को इनसे सीखने की जरूरत है।
   सोचिए और सीखिए कैसे एक छोटा सा समुदाय धार्मिक रूप से प्रतिबद्ध होने के साथ साथ पूरी दुनिया पर छाया है..
विशेष रूप से हिंदुस्तान को इस बारे में क्या सोचने की बहुत जरूरत है?
     इजराइल और फिलिस्तीन के टकराव के बीच कोई ईस्लामिक राष्ट्र नही आना चाहता इसकी वजह है इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू का बयान जिसमें उन्होंने बेहद साफ शब्दों में कहा था कि जो भी देश इजराइल के विरुद्ध फिलीस्तीन का साथ देगा उस देश को नेस्तनाबूत कर दिया जायेगा। फिलीस्तीन को बहुत उम्मीद थी कि कुछ महीनों पहले आर्मेनिया के खिलाफ जिस तरह ईस्लामिक राष्ट्र एकजुट हुए थे वैसे ही इस बार भी एकजुट हो जायेंगे। 
    लेकिन फिलीस्तीन ये भूल गया था कि ये आर्मेनिया की तरह कमजोर राष्ट्र नही इजराइल है इजराइल, जिससे उलझनें की हिम्मत अमेरिका भी खुलकर कभी नही करता, तुर्की, पाकिस्तान थोड़े बहुत उछले जरूर थे पर फिर ठंडे होकर बैठ गये अभी दो दिन पहले सऊदी अरब ने चौधरी बनने की कोशिश की थी तो इजराइल ने स्पष्ट कह दिया था कि तुम्हारे मक्का मदीना इजराइल से ज्यादा दूर नही है जिस तरह गाजा पट्टी की मस्जिद को धराशायी किया है उसी तरह मक्का मदीना भी ध्वस्त कर दिया जायेगा। 
   बस इतना सुनना था कि सऊदी अरब के हाथ पैर फूल गये और तुरंत एक बयान आया कि हमे इस मामले से कुछ लेना देना नहीं है। 
   जानते हैं इजराइल की आबादी भारत के एक महानगर के बराबर भी नही है लेकिन इजराइल को पता है कि वक्त आने पर उसके देश का हर नागरिक एक सिपाही की तरह तैयार रहेगा इसे कहते हैं राष्ट्रवाद। 
    इस समय इजराइल में नेतन्याहू अल्पमत की सरकार चला रहे हैं लेकिन वहाँ के विपक्ष ने सरकार से कह दिया है कि आप पूरी ताकत से फिलीस्तीन पर हमला करे हमारे अंदरूनी मामले हम बाद में देख लेंगे, आज के समय आप इजराइल के पिता है आपके हर निर्णय में विपक्ष आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है। 
   "इसे कहते हैं राष्ट्रवाद" और हमारे यहाँ अगर राष्ट्रवाद की बात कह दो तो तुरंत बीजेपी, आर एस एस के ऐजेंट का सर्टिफिकेट मिलने लगेगा। 

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