News Today Time Group - Digital News Broadcasting - Today Time Group - Latest News Today News Today: Hindi News Boradcasting Today Group - Real-Time News कोरोना से ठीक होने के बाद भी यदि ऐसा हो रहा है तो संभल जाएं
Headline News
Loading...

Ads Area

कोरोना से ठीक होने के बाद भी यदि ऐसा हो रहा है तो संभल जाएं

कोरोना से स्वस्थ हो चुके कई मरीजो को आखिर क्यू नही आ रही नींद, 
नींद की दवाई भी बेअसर,
कोरोना से ठीक होने के बाद भी सामने आ रहे तंत्रिका तंत्र संबंधित बीमारियों के मामले
     दुनिया के लिए महामारी बन चुकी कोरोना अब अपने प्रकार के साथ लक्षण में भी लगातार बदलाव ला रही है। एक पड़ताल में पता चला है कि कई कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने के बाद भी उन्हें नींद नही आ रही है। आपको बता दे कि ऐसे मरीजो को डॉक्टरों के द्वारा नींद की दवा भी दी जा रही है जो अब बेअसर साबित हो रही है। 
   वही ऐसे संक्रमितों के परिजनों से जानकारी बटोरने पर पता चला है कि कोई 12 दिनों तो कोई 20 दिनों से ऊपर हो गए है उन्हें नींद नही आ रही है संक्रमितों के परिजनों ने बताया कि नींद के लिए जो दवाई डॉक्टर के द्वारा दी गई है उसे खिलाने पर मुश्किल से 1 घण्टे या डेढ़ घंटे तक मरीज सो रहा है फिर अचानक सिर में दर्द से वापस मरीज उठ जा रहा है। 
    कोरोना से संक्रमित ऐसे मरीजो के परिजनों द्वारा बताया गया कि डॉक्टरों के परामर्श एवं उपचार के बाद भी मरीजो को राहत नही मिल रहा है आपको बता दे कि कोरोना के अनंत रूप है जिसके कारण डॉक्टर भी इनके लक्षण को भांप पाने में नाकाम साबित हो रहे है। वही कई डॉक्टर खुद ही कोरोना से संक्रमित हो चुके है तो कई डॉक्टरों की जान तक भी जा चुकी है। 
   कोरोना की पहली लहर तो जहां हमारे देश में मजाक साबित हुई वही अब दूसरी लहर के आने के बाद कोरोना को गंभीरता से लिया गया है, जबकि पहली लहर में कोरोना के कम तबाही से सावधानी परहेज को नजर अंदाज किया गया जो आज इस भयावह स्थिति को जन्म दे चुका है। 
कोरोना से ठीक होने के बाद भी सामने आ रहे तंत्रिका तंत्र संबंधित बीमारियों के मामले
    पेशे से व्यापारी नरेश शर्मा (परिवर्तित नाम) कोरोना से संक्रमित होने के पश्चात् कुछ दिनों में ठीक हो गये थे। लेकिन नेगेटिव होने के महीनेभर बाद ही उनके परिजनों को उन्हें हॉस्पिटल लाना पड़ा। उन्हें न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाया गया क्योंकि संक्रमित होने के बाद से उन्हें भूलने की काफी ज्यादा समस्या होने लगी थी। वह छोटी-छोटी चीजें भी भूलने लगे थे जो कोरोना संक्रमण से पहले कभी नहीं होता था। इसी प्रकार के लक्षण कोविड पश्चात् कई मरीजों में सामने आ रहे हैं जिससे पोस्ट कोविड सिन्ड्रोम कहा जाता है।
फेफड़ों के अलावा दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर रहा वायरस
    पोस्ट कोविड सिन्ड्रोम का मतलब है कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज नेगेटिव होने के बाद भी कई दिनों या महिनों तक उससे जुड़े लक्षणों या दुष्प्रभावों का अनुभव करता रहता है। यह सच है कि वायरस सबसे पहले फेफड़ों को प्रभावित करता है लेकिन यह किडनी, लिवर, हृदय और रक्त वाहिकाओं को भी प्रभावित कर सकता है। कोरोना संक्रमण पश्चात् कई मरीजों में नसों में सुन्नपन्न, अवसाद, भूलने की बीमारी जैसे लक्षण देखें गये है जो यह दर्शाता है कि कोरोना वायरस ब्रेन एवं तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर सकता है।
दिमाग में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचने से मरीजों को हो सकता है ब़ड़ा नुकसान
    कोविड संक्रमण के दौरान कुछ मरीजों में ऑक्सीजन की काफी कमी हो जाती है जिसके कारण उनके मस्तिष्क पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है। इस स्थिति को हाईपोक्सिक ब्रेन इंजरी कहा जाता है और इसके होने पर मरीज की रिकवरी में काफी दिक्कते आती है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के बाद सिरदर्द, लकवा व मिर्गी होने की संभावना का बढ़ जाना, सूंघने की क्षमता का कम होना, थकावट व कमजोरी, यादाश्त में कमी, शरीर के किसी अंग का सुन्न पड़ना, नींद न आना या नसों में इस तरह की शिथिलता का पैदा होना कि बिना सहारे चल पाना भी मुश्किल हो – ऐसी जटिलताऐं संक्रमण पश्चात् कई मरीजों में देखी जा रही हैं। यह लक्षण अगर नेगेटिव होने के बाद भी कई दिनों तक ठीक नहीं होते है तो मरीज को पोस्ट कोविड रिकवरी की अत्यंत आवश्यकता है।
   पोस्ट कोविड रिकवरी प्रोग्राम में मरीज के लक्षणों का सही निदान एवं उपचार, फिजियोथेरेपी व पोषण संबंधित सलाह के माध्यम से नियंत्रित कर मरीज को जल्द से जल्द रिकवर करने की कोशिश की जाती है। जो लोग पहले से ही न्यूरो संबंधी बीमारी से ग्रसित हैं और कोरोना की चपेट में आए हैं, उन्हें पोस्ट कोविड रिकवरी प्रोग्राम की और भी आवश्यकता है क्योंकि संक्रमण के कारण उनमें पहले की बीमारियों का फिर से उत्पन्न होने या गंभीर होने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।


नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर

Post a Comment

0 Comments