कोरोना ने सम्पूर्ण विश्व में कोहराम मचा के रखा हुआ है, जहा कुछ लोग इसे प्राकृतिक आपदा मान रहे है तो कुछ वैज्ञानिक इसे मानव जनित बायोलॉजिकल हथियार बता रहे है। देखा जाएं तो कोरोना विगत दो सालों से मानव जीवन में तबाही मचा रहा है। इस महामारी से पुरे विश्व में अब तक 5 करोड़ से भी अधिक लोगो के मारें जाने का अंदाज़ा लगाया जा रहा है। कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना वायरस का मानव जीवन में प्रवेश 19वी सदी में हो चूका था।
आपको बता दे की मनुष्यों में पहली बार कोरोना वायरस की खोज करने वाली महिला स्कॉटलैंड के एक बस ड्राइवर की बेटी थीं, जिन्होंने 16 वर्ष की आयु में स्कूल छोड़ दिया था। उनका नाम था जून अलमेडा था। वायरोलॉजिस्ट जून अलमेडा का जन्म वर्ष 1930 में हुआ था। स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर के उत्तर-पूर्व में स्थित एक बस्ती में रहने वाले बेहद साधारण परिवार में उनका जन्म हुआ।
वर्ष 1954 में उन्होंने वेनेज़ुएला के कलाकार एनरीके अलमेडा से शादी कर ली। 1964 में उनके सामने लंदन के सेंट थॉमस मेडिकल स्कूल में काम करने का प्रस्ताव रखा। ये वही अस्पताल है जहाँ कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का इलाज हुआ। डॉक्टर अलमेडा ने लंदन में अपनी डॉक्ट्रेट की पढ़ाई पूरी की। साल 2007 में जून अलमेडा का देहांत हुआ. उस समय वे 77 वर्ष की थीं।