थानाधिकारी ने मय जाप्ता निकाला पैदल मार्च
सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी पुलिस लाकडाउन और एडवायजरी पालन कराने सख्त
कुशलगढ़/बांसवाड़ा।। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने और आम जन जीवन को सुरक्षित करने सम्पूर्ण राजस्थान में 10 मई से 24 मई तक सख्त लाकडाउन होकर नवीन एडवाइजरी का आदेश है इसी क्रम में शासन प्रशासन और पुलिस विभाग आम लोगों को दस दिनों तक घरों में बने रहने, बेवजह बाहर नहीं घुमने सहित एडवाइजरी का पालन करवाने के लिए जिले के सुदूरवर्ती गांवों और कस्बों में भी लोगो को जागरूकता का संदेश रही है। कोरोना का संक्रमण अधिक ना फैले इसलिए अब पुरे राज्य में शादी समारोह और सामाजिक कार्यक्रम पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिए गए है।
इसी क्रम में रविवार को जिले की कुशलगढ़ तहसील के पाटन थानाधिकारी सुभाषचंद्र परमार मय जाप्ता एमपी बार्डर कस्बा मोहकमपुरा में पहुंचे तथा सातलिया रोड से तरालिया मार्ग सहित बंधी बस्ती इलाके में पैदल मार्च करते हुए व्यापारियों और ग्रामीणों से एडवाइजरी पालन करने की अपील की।
थानाधिकारी परमार ने बताया कि पाटन थाना क्षेत्र के बड़े कस्बे छोटी सरवा, बड़ी सरवा, पाटन, मोहकमपुरा सहित देहात की पंचायत मुख्यालयों पर पुलिस की और से लॉकडाउन और एडवायजरी का पालन करने निमित अपील करने के साथ जागरूकता का संदेश दिया गया है। दस दिन की अवधि में एडवायजरी का पालन नहीं करने पर आपदा अधिनियम के तहत सीधे कारवाई की जाएगी। थानाधिकारी ने समस्त कस्बों और गांवों में व्यापारियों, सब्जी विक्रेताओं सहित आम लोगों से एडवाइजरी का अक्षरशः पालन करने की अपील की है।
सेवा भारती और संघ स्वयंसेवकों ने किया काढ़ा वितरण
कोरोना के बढ़ते संक्रमण रोकने और आम जन को सुरक्षित रखने की दृष्टि से अब सेवा भारती और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी आगे आया है। संघ के देहाती कार्यकर्ताओं द्वारा जिले सहित देहात में ग्रामीण क्षेत्र के लोगो की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दिशा में आयुर्वेदिक गर्म काढ़ा बनाकर वितरित किया। संघ द्वारा इस सामाजिक कार्य हेतु सोशल डिस्टेंसिंग का भी मौके पर पालन किया गया।
जिले की कुशलगढ़ तहसील के सुदूरवर्ती क्षेत्र मोहकमपुरा के कस्बे बस स्टेंड पर स्वयंसेवको की और से काढ़ा बनाकर वितरण किया गया इस दौरान सेवा भारती और संघ से जुड़े बहादुर सिंह राठौड़, क्षेत्र प्रभारी जालुसिंह गामोड, राजेश टेलर, सादर भाई, पटवारी मांगुसिंह चावडा, जोरावर सिंह डोड, भमर बा सहित जागरूक गणों ने स्वयं काढे का सेवन किया तथा आम लोगों को काढ़े से लाभान्वित किया।