झील के पास है कई मूर्तियां, क्या है इस जादुई झील का रहस्य?
अगर आपसे कोई कहे कि दुनिया में एक ऐसी झील है जिसके पानी को छूते ही इंसान पत्थर का बन जाता है तो जाहिर सी बात है कि आप उस पर यकीन नहीं करेंगे। लेकिन आपको बता दे कि यह बात सच है जी हां तंजानिया में एक ऐसी झील है, जिसके पानी को छूते ही इंसान हो या पक्षी सब पत्थर के बन जाते हैं। इस झील के आस-पास कई मूर्तियां भी है, जो इस बात की साक्षी है। इन मूर्तियों में कई मूर्तियां पक्षीयों की है। बताया जाता है कि ये पक्षी पानी पीने के लिए झील में उतरे थे लेकिन पानी को छूते ही वह पत्थर की मूर्ति में बदल गए।
पानी जो बना देता है ममी
तंजानिया की नेट्रॉन झील को ममी बनाने वाली झील कहा जाता है। कई लोग मानते हैं कि इसका पानी श्रापित है, जो भी इस पानी के संपर्क में आता है वह पत्थर का बन जाता है।
लेकिन असल में इसका जादू से कोई लेना-देना नहीं है। इस पानी के संपर्क में आने से पत्थर बन जाने के पीछे दरअसल वैज्ञानिक कारण है। इस झील का पानी दरअसल एल्केलाइन है। इसमें सोडियम कार्बोनेट की मात्रा काफी ज्यादा है। ऐसे में जैसे ही कोई बॉडी इसके संपर्क में आती है उसके ऊपर एक पपड़ी बन जाती है।
आपको बता दे की यही केमिकल रिएक्शन इजिप्ट की ममी बनाने में यूज किया जाता था। इसी वजह से जो इस झील के संपर्क में आता है वो पत्थर में बदल जाता है।
झील के आसपास है कई मूर्तियां
इस झील के आसपास आपको कई पक्षी-पशुओं की मूर्ति नजर आ जाएगी। लोगो का मानना है कि जब पानी पीने या नहाने के लिए ये जीव पानी के संपर्क में आए होंगे तो पानी के रिएक्शन से ये कवच बन गया होगा जिसके बाद ये मूर्ति में तब्दील हो गए होगे।
जानकारों का कहना है कि अपनी इसी खासियत की वजह से ही यह झील बदनाम है। झील से काफी दूर-दूर तक भी कोई इंसान नहीं रहता है। लोगों की कोशिश होती है कि वो इस झील के पानी के संपर्क में ना ही आए।
दुनिया में हैं कई खतरनाक झील
तंजानिया के नेट्रॉन झील के अलावा भी दुनिया में ऐसे कई झील हैं, जो अपने अजीबोगरीब विशेषता के कारण मशहूर है। इसी में से एक है अफ्रीका के कांगो में मौजूद विस्फोटक झील। इसमें कार्बन डायॉक्साइड और मीथेन गैस मौजूद है। इस वजह से थोड़ी सी भी चिंगारी मिलने पर इस झील में जोरदार विस्फोट हो जाता है। इसके अलावा अमेरिका की उबलती झील भी अपने खौलते पानी की वजह से अक्सर चर्चा में बनी रहती है। लोग इन झीलों से दूर रहने में ही भलाई समझते हैं।