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धरती पर विश्व का सबसे गहरा गड्ढा.. जिसे इंसानी लालच ने बनाया

इंसानों द्वारा निर्मित विश्व का सबसे गहरा गड्ढा कहाँ है, जिसके बारे में जानकर लोग चौंक जाएंगे?
  वर्तमान में अचानक आई कोरोना आपदा से आप मानव जाती के अतिमहत्वकांक्षी और लालची होने का अंदाज़ा खुद ही लगा सकते है। इंसानो की बढ़ती इच्छाओं ने इस धरती को तहस-नहस कर के रख दिया है। कुछ लोगो ने तो इस धरती का ऐसा चीरहरण किया है कि उसके ओर आगे दोहन की कही कोई गुंजाइश ही नहीं बची है। जैसे कि इंसानों द्वारा निर्मित विश्व का "सबसे गहरा गड्ढ़ा"! आपकी आंखें फटी रह जाएंगी यह जानकर! इंसानों द्वारा निर्मित विश्व का सबसे गहरा गड्ढ़ा जो आपको हैरान कर देगा। आखिर किस लालच में खोदा गया इतना गहरा गड्ढा इसके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे। 
    बिंघम कैनियन यूटा नामक स्थान अमेरिका में तांबे की खान है। जब यहां खुदाई प्रारम्भ हई, उस समय यहां पर पहाड़ हुआ करते थे। आज, यहां पर विश्व की सबसे बडी गहरी खान है। गहरी मतलब, इतनी गहरी एक किलोमीटर से भी ज्यादा गहरी। यहां पर ट्रक को नीचे से उपर आने में 2 घण्टे का समय लगता है। इस स्थान पर तांबे की खोज वर्ष 1850 में हुई थी।
    इसके 13 वर्ष बाद यहां पर खुदाई का कार्य शुरु हुआ। वर्ष 2008 यानि लगभग 160 सालों तक यहां बेतहाशा तांबा या कॉपर निकाला गया। खुदाई के दौरान यहां से प्रतिदिन 450,000 टन चट्टान निकाली जाती थी। अनुमान के मुताबिक यहां से 2 लाख टन तांबा निकाला गया। करीब 160 साल लगातार खुदाई के पश्यात् शायद आपको अंदाजा भी ना हो कि यहां पर कितना बड़ा गड्डा हो गया है- लगभग 1.2 किलामीटर।
    जी हां- इसकी गहराई 1.2 किलामीटर है और चैड़ाई 4 किलोमीटर (लगभग 2000 एकड़) से भी ज्यादा है। 1848 में इसे दो भाईयों सैनफोर्ड और थामस बिंघम ने खोजा था। जो चरवाहा थे और मवेशी चराते थे। पहले यहां पर सोने, चादी होने की संभावना थी। परन्तु बाद में विश्व की सबसे बड़ी तांबे की खान प्राप्त हुई। यहां तांबे का खनन इतना ज्यादा होता है कि 1873 में ही यहां पर माल ढुलाई के लिए रेलवे की पटरी डाल दी गई थी।

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