एलआईसी किसी भी पॉलिसी धारक को लिखित में नहीं देती कि उन्हें कितने पैसे मिलेंगे फिर भी वह 20 साल बाद ढाई गुना रिटर्न तक की गारंटी देते हैं, क्या वे झूठ बोलते हैं? ये सच है की LIC कभी लिख कर नहीं देती है कितना पैसा पॉलिसी की पूर्णता पर मिलेगा। जैसे उदहारण के लिए FD में 1 लाख पर 7 प्रतिशत ब्याज में वर्षांत पर 1 लाख 7 हजार मिलेगा यह पहले ही पता होता है, तो यह FD "बचत" कहलाती है ।
लेकिन आपको बता दे कि बीमा बचत से थोड़ा अलग होता है। बीमा में जब हम 1 लाख रुपए का बीमा लेते हैं तो तुरंत 1 लाख जमा नहीं करते। बल्कि उसकी आवधिक किश्त 8 या 10 हजार रूपये उसकी प्रीमियम के रूप में जमा करते हैं। लेकिन बीमा करते ही अगर बीमित वयक्ति की मृत्यु हो जाये तो उस 8 हजार के बदले 8 हजार नहीं बल्कि बीमित राशि 1 लाख रुपए मिलते हैं।
अब यहाँ प्रश्न उठता है कि बीमा कम्पनी बीमित व्यक्ति द्वारा जमा किये उस 8 हजार के बदले 92 हजार क्या अपने पास से देती है? अगर कोई भी बीमा कंपनी ऐसे अपने जेब से रूपये देगी तो फिर उसका दीवाला ही निकल जायेगा।
सभी बीमा कम्पनिया बीमाशकरित के सिद्धांत पर चलती है। मान लीजिये की यदि किसी बीमा कंपनी से 1000 हजार लोग बीमा लेते हैं, ओर वह सभी 10 हजार साल किश्त जमा कराते हैं तो उस बीमा कम्पनी को 1 साल में 1 करोड़ रुपया मिलता है। मान लो साल के अंत तक 1000 मे से 5 लोगो की किसी दुर्घटनावश मृत्यु कारित हो जाती है तो वह बीमा कम्पनी उन्हें 5 लाख रूपये जो देगी वह इसी 1 करोड़ में से ही देगी। अब बचा 90 लाख तो इस 90 लाख रुपयों से प्रशानिक खर्च, एजेंट कमीशन आदि दिया जाता है जो शेष बचा पैसा है वह 995 पालिसी धारकों को बोनस के रूप में उनके खाते में जमा होता रहता है जो बीमा पॉलिसी की पूर्णवधि में उन्हें दे दिया जाता है।
यदि बीमा धारकों की डेथ कम होती तो खर्च भी कम होता और यदि उनकी ज्यादा डेथ होंगी तो खर्च भी ज्यादा होगा। जब खर्च ज्यादा होगा तो पॉलिसी धारक को बोनस कम मिलेगा। यह की आने वाले सालों में कितनी डेथ होंगी ये कोई नहीं जानता तो LIC कैसे लिखे की पॉलिसी धारक बीमित व्यक्ति को कितना पैसा मिलेगा? इसलिए वो लिखती है बीमा धन और जो भी बोनस देय होगा वह मिलेगा।