News Today Time Group - Digital News Broadcasting - Today Time Group - Latest News Today News Today: Hindi News Boradcasting Today Group - Real-Time News वो शख्स जिसने मात्र तीन घंटे में ही सेफ़्टी पिन का अविष्कार कर दिया
Headline News
Loading...

Ads Area

वो शख्स जिसने मात्र तीन घंटे में ही सेफ़्टी पिन का अविष्कार कर दिया

   ये कहानी सन 1849 की है जब अमेरिका के न्यूयॉर्क मार्टिसबर्ग में रहने वाले वाल्टर हंट नाम का एक आदमी बेहद गरीबी में जीवन यापन कर रहा था। लाख मेहनत करने के बावजूद भी वाल्टर अपने पूर्वजों द्वारा लिया गया भारी क़र्ज़ नहीं चुका पा रहे थे जिसके कारण वे बेहद तनाव में अपना जीवन गुजार रहे थे। 
   वाल्टर बचपन से ही अपने पिता के साथ लोहे के व्यसाय से जुड़े हुए थे। उनमे कुछ नया करने का उत्साह कम उम्र से ही था। वे हमेशा कुछ नया औऱ विचित्र कार्य करने के बारे में सोचा करते थे। 
   बहुत सोच विचार के बाद वाल्टर ने महिलाओं की ज़रूरत को समझते हुए सबसे पहले सेफ्टी पिन का निर्माण किया। कहा जाता है कि वाल्टर ने मात्र तीन घंटे के अंतराल में ही सेफ़्टी पिन का अविष्कार कर दिया था। इस पिन को वाल्टर ने सबसे पहले 'डब्लू आर एंड कम्पनी' को बेचा।बाद में कम्पनी ने उन्हें एक बड़ी संख्या में सेफ्टी पिन बनाने का ऑर्डर दिया । अपने इस अविष्कार से वाल्टर ने 400 $ कमाएं और अपना पूरा कर्जा वापस कर दिया। सेफ्टी पिन के आविष्कार के बाद भी वाल्टर को ऐसा नहीं लगा था कि उन्होंने कुछ बड़ी खोज की है।
   वाल्टर ने सबसे पहले सेफ्टी पिन को तकरीबन 8 इंच के ताम्बे के तार से बनाई थी। ये पहली पिन थी, जिसमे पिन को रोकने के लिए बक्कल लगा हुआ था।
   सेफ्टी पिन के आविष्कार के बाद वाल्टर ने सिलाई मशीन, ट्राम घंटी, स्पिनर और सड़क साफ़ करने की मशीन का भी आविष्कार किया। वैसे तो वाल्टर के अनेक अविष्कार उनके नाम पर पेटेंट है लेकिन वे अपने सिलाई मशीन के आविष्कार को कतई पेटेंट नहीं कराना चाहते थे क्योंकि उनका मानना था कि इससे मशीन की कीमत बढ़ जाएगी जिससे ग़रीब लोगों को इसे ख़रीदने में मुश्किल होगी जो बाद में बेरोजगारी का भी कारण बन सकती है। 62 वर्ष की उम्र में 8 जून 1859 को उनका निधन हो गया लेकिन वे अपने जीवन के माध्यम से पूरी दुनिया को बताने में सफल हुए कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी बुरी हो, कुछ न कुछ करने की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है, उनके इस हौसले औऱ ज़ज़्बे को सलाम। 

Post a Comment

0 Comments