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कैसे ज्ञात करें कि अपने वंश के कुलदेवता अथवा कुलदेवी कौन हैं ?

    आज के समय में प्राय: देख जा रहा है कि लोगों को अपने कुलदेवता व कुलदेवी कौन हैं यह ज्ञात ही नहीं है। वर्षों से कुलदेवता व कुलदेवी को पूजा नहीं मिल रही है। घर-परिवार का सुरक्षात्मक आवरण समाप्त हो जाने से अनेकानेक समस्याएं अनायास घेर रही हैं, नकारात्मक ऊर्जाओं की आवाजाही बिना रोक-टोक हो रही है, वर्षों से स्थान परिवर्तन के कारण पता ही नहीं है कि हमारे कुलदेवता व कुल देवी कौन है कैसे उनकी पूजा होती है कब उनकी पूजा होती है आदि।
    यह ज्ञात करने के लिए एक प्रभावी प्रयोग है जिससे यह जाना जा सकता है कि आपके कुलदेवता कौन है यह एक साधारण किन्तु प्रभावी प्रयोग है जिससे आप अपने कुलदेवता अथवा देवी को जान सकते हैं। प्रयोग को मंगलवार से शुरू करें और ११ मंगलवार तक करते रहें। मंगलवार को सुबह स्नान आदि से स्वच्छ पवित्र हो अपने देवी देवता की पूजा करें।
    फिर एक साबुत सुपारी लेकर उसे अपना कुलदेवता व कुलदेवी मानकर स्नान आदि करवाकर, उस पर मौली लपेटकर किसी पात्र में स्थापित करें। इसके बाद आप अपनी भाषा में उनसे अनुरोध करें कि "हे कुल देवता मैं आपको जानना चाहता हूँ मेरे परिवार से आपका परिचय विस्मरण हो गया है हमारी गलतियों को क्षमा करते हुए हमें अपनी जानकारी दें इस हेतु में आपका यहाँ आह्वान करता हूँ, आप यहाँ स्थान ग्रहण करें और मेरी पूजा ग्रहण करते हुए अपने बारे में हमें बताएं इसके बाद उस सुपारी का पंचोपचार पूजन करें ।
   अब रोज रात को उस सुपारी से प्रार्थना करें की हे कुल देवता व कुलदेवी में आपको जानना चाहता हूँ कृपा कर स्वप्न में मार्गदर्शन दीजिये। फिर सुपारी को तकिये के नीचे रखकर सो जाइए। सुबह उठाकर पुनः उसे पूजा स्थान पर स्थापित कर पंचोपचार पूजन करें। यह क्रम प्रथम मंगलवार से ११ मंगलवार तक निरंतर रखें। हर मंगलवार को व्रत रखें इस अवधि के दौरान शुद्धता पवित्रता व ब्रह्मचर्य का विशेष ध्यान रखें, यहाँ तक की बिस्तर और सोने का स्थान तक शुद्ध और पवित्र रखें। ब्रह्मचर्य के साथ-साथ मांस-मदिरा से पूर्ण परहेज रखें।
    इस प्रयोग की अवधि के अन्दर आपको स्वप्न में आपके कुलदेवता व कुलदेवी की जानकारी मिल जायेगी, अगर स्वयं न समझ सकें तो योग्य जानकार से स्वप्न विश्लेषण करवाकर जान सकते हैं।
    इस तरह वर्षों से भूली हुई कुलदेवता की समस्या हल हो जाएगी और पूजा और अर्ध्य देने पर आपके परिवार की बहुत सी समस्याएं समाप्त हो जायेंगी जीवन की बहुत समस्याओं से हम बच सकते हे यदि कुछ और बातों का हम पालन करें तो अपनी जन्म कुंडली में बुरे ग्रहो से भी मुक्त हो सकते हैं।
निम्न बातों का पालन अवश्य करें
    किसी भी ख़ुशी के मौके पर व होली, दीपावली व दशहरे, शादी, जन्मदिन, पर्व आदि पर घर में पूर्ण स्वच्छता से भोजन तैयार करें और दो थाली भोजन एक में भगवान् का भोग लगाएं और दूसरी थाली से अपने पितरों का भोग लगाकर उचित दक्षिणा के साथ किसी सात्विक ब्राह्मण को दे। अपने रस्म रिवाज अनुसार इन्ही अवसरों पर अपने कुल के देवी देवता का श्रद्धा पूर्वक पूजन और भोग सामग्री आदि दें।
     अपने बुजुगों का कभी भी अपमान न करे बल्कि उनकी सेवा करें। भूल से भी सर्प और कुत्ता जीव जंतुओं को ना मारे। माह में एक बार परिवार सहित गऊ शाला में जाकर अपने हाथ से चारा पानी आदि दे। गरीब और जरुरत मंद वृद्ध मजदूर कोड़ी दिव्यांग आदि लोगों की मदद करे। हृदय से प्रभु को जितना समय हो याद करे और विचारवान बने चिंतन करे भजन सुमिरन करे। अपनी पुरानी कुल परंपरा रस्म रिवाजो व जो बुजुर्गों द्वारा चली आ रही है उनका श्रद्धा पूर्वक पालन करे। जय कुलदेवता, जय कुलदेवी रक्षा करो सदा!

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