रामगढ मे श्रमिको का आखीर किसने उठाया पेमेंट, समय पर क्यों नहीं हुआ मजदुरो का भुगतान!
रेंजर व रामगढ़ वन नाके की कहीं मिलीभगत तों नहीं!
जंगल में मौर नांचा किसने देखा वालीं कहावत तों नहीं!
तीन माह से श्रमिक परेशान, वनपाल और रेंजर कर रहे टालमटोल, रेंजर का हुआ तबादला
कुशलगढ/बांसवाड़ा/राजस्थान।। राजस्थान के के लिए चेरापुंजी कहे जाने वाले बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ वन विभाग में कुल पांच वन नाके व चोकिया है, जिसके 28 हजार हेक्टेयर में जंगल हैं। जहा बड़ी संख्या में वन सम्पदा आच्छादित है। जानकारों का कहना है कि यहां पर वैसे भी स्टाप का टोटा है, लेकिन दुर्भाग्य की बात तो यह है की इसी कुशलगढ़ रेंज के वन नाका में हुए कार्यों में मजदूर अपनी ही मजदूरी के रुपयों के लिए कई समय से आस लगाए बैठे हैं। मज़दूरों ने तप्ती गर्मी में मज़दूरी की लेकिन उन्हें अब यह डर सताने लगा है की हमारी मजदूरी का भुगतान आखीर कब होगा? आइये जानते है क्या है पुरा मामला?
रामगढ वन नाका अध्यक्ष बोले, कोरे चैक पर करवा लिए हस्ताक्षर
आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ रेंज के तहत आने वाले वन नाका रामगढ मे विगत तीन माह पूर्व पांच दर्जन से अधिक रामगढ सहित आसपास के गांवो के श्रमिको की और से वन नाका मे रामगढ छात्रावास के सामने व काकनवानी मे ट्रैंच खोदने सहित अन्य कार्य के पेटे दी जाने वाली मजदूरी का भूगतान सरकारी कारिंदों के टालमटोलम रवैए के चलते आज दिन तक नही हो पाया है, जबकि वन सुरक्षा समिति अन्यक्ष जिथिंग डामोर की माने तो श्रमिको और वन विभाग की और से हुए डिपार्टमेंटल कार्य की राशि के कोरे चैक पर अध्यक्ष के हस्ताक्षर करवा कर चैक लेकर रुपये उठा लिए गए है।
रामगढ वन सुरक्षा समिति अध्यक्ष जिथिंग डामोर ने बताया कि रामगढ मे कुल 62 श्रमिको सहित काकनवानी मे फरवरी माह के अंतिम चरण और मार्च मे श्रमिको ने भरी गर्मी मे श्रम किया। पीड़ित श्रमिकों का कहना है कि हर श्रमिक के बाइस-बाइस दिन के लगभग की मज़दूरी का कार्य का भुगतान आज दिन तक बकाया है। ऐसे मे रामगढ वनपाल ने वन सुरक्षा समिति की चैकबुक से एक दर्जन से अधिक चैक पर उनके हस्ताक्षर करवा लिए तथा भुगतान भी उठा लिया। लेकिन श्रमिको की माने तो उन्हें आज दिन तक उनकी मज़दूरी का भूगतान ही नही किया गया है।
अध्यक्ष ने बताया कि कुशलगढ रैंजर और वनपाल बीते तीन माह मे श्रमिको के बकाया भूगतान के लिए आज कल करते हूए टालमटोल करने का रवैया अपना रहे है, जिसको लेकर कुशलगढ विधायक रमीला खडिया से भी बीते दिनो मिलकर अध्यक्ष और श्रमिक अपने द्वारा किये गए श्रम का भूगतान करवाने की मांग भी कर चुके है। लेकिन आज दिन तक उनकी वैध मांग पर ध्यान नही दिया जा रहा है। वही श्रमिक संगठनो का कहना है कि यदि समय रहते मज़दूरों को उनकी मज़दूरी नहीं दी गई तो सरकार और प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा।