हाल ही में मोदी सरकार ने सशस्त्र सेनाओं में अधिक से अधिक नौजवानों को भर्ती करने के लिए अग्निपथ नाम की स्कीम निकाली है। आमतौर पर विश्व मे कम से कम 100 देशों मे सेना मे काम करना अनिवार्य माना जाता है। विश्व में कही देश ऐसे है जहा कम से कम दो साल की नौकरी करना अनिवार्य है। इजराइल जैसे देश मे यदि आप सिनेमा मे काम करते हैं, यदि आप डाक्टर हैं, कम्प्युटर वैज्ञानिक हैं या फिर आप कविता लिखते हैं, तो आपको सेना मे काम करना ही है। केवल अपाहिज लोगों को इसमे छुट मिलती है। भारत मे अग्निवीर पद्धति के अनुसार सेना मे चार साल नौकरी का विकल्प है। आपको यह नौकरी करने के लिए कोई बाध्य नही कर सकता। ना ही सेना के इस नौकरी से देश की अन्य नौकरी पर कोई असर पड़ने वाला है।
चार साल की होगी नौकरी
अग्निवीर एक ऐसा जरिया है जिसके तहद मात्र चार साल की नौकरी सुनिश्चित की जाती है। उसके बाद 25% अग्नीवीरों को स्थाई रुप से सेना मे नौकरी मिल जाती है और शेष 75% कोई अन्य नौकरी कर सकते हैं। यदि मानकर चलें कि वर्तमान मे सेना मे प्रतिवर्ष 50,000 की भर्ती होती है। यह भर्ती होती रहेगी। अर्थात कुछ समय बाद 1.5 लाख लोग (75%) प्रत्येक साल सेना मे चार साल नौकरी करने के बाद ओपेन जाब मारकेट मे आ जाएँगे और 50 हजार (25%) सामान्य रुप मे सेना मे स्थाई रुप से जम जाएँगे।
इस स्कीम के तहत भारत सरकार एक बेहतर सिलेक्शन प्रोसेस के जरिए युवाओं को आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में 4 साल तक सेवा देने के लिए भर्ती करेगी, 4 साल के बाद इनमें से भर्ती किए गए बेहतर 25% युवाओं को ही परमानेंट किया जा सकेगा। भर्ती की आयु साडे 17 से 21 साल होगी और इसमें लड़कियां भी भर्ती की जाएगी।
बेरोजगारों के लिए वरदान साबित होगी अग्निपथ योजना
पहला साल- 21,000×12= 2,52,000
दूसरा साल- 23,100×12= 2,77,200
तीसरा साल- 25,580×12= 3,06,960
चौथा साल- 28,000×12= 3,36,000
कुल मिला कर 11 लाख 72 हज़ार 160 रुपए, चार सालों में मिलेंगे उसके बाद, रिटायरमेंट पर 11 लाख 71 हज़ार। जाहिर सी बात है कि जॉब आर्मी की है, तो रहना, खाना, इलाज वगैरह सब फ़्री ही होगा। मतलब जो उम्र नुक्कड़ों पर चाय सिगरेट में निकल जाती है, उन 4 सालों में 23 लाख 43 हज़ार 160 रुपये कमाने का सुनहरा अवसर है।
सुविधाओं को देखते हुए तो हमारे देश के 17 से 23 साल की उम्र के लड़को को अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना को जॉइन ज़रूर करना चाहिए। समझिए मोदी ने सरकारी पैसों से 4 साल आपको आर्मी की ट्रेनिंग देंगे, साथ मे इतने सारे पैसे भी, जॉब वैसे भी नहीं है, बारवीं या ग्रेजुएशन करने के बाद सीधे अग्निपथ के रास्ते पर
चले जाइए, यही आपका भविष्य है और इस देश के भी।
उसके बाद 24-25 की उम्र में रिटायरमेंट के बाद, इन पैसों से कोई बिजनेस शुरू कर लीजिएगा, या नहीं तो इंडियन आर्मी की ट्रेनिंग के साथ गल्फ़ तो है ही, आर्मी का अनुशासन आपके बहुत काम आएगा। लाइफ जैसी अभी चल रही है, उससे बेहतर तय है। तो आप अग्निपथ योजना के विरोध का हिस्सा मत बनिए बल्कि ये समझिए कि आप के लिए बल्क में आर्मी तक नहीं पहुँचने का जो आरक्षण था अब वो ख़त्म हो चुका है।
अपना मुस्तक़बिल सुरक्षित कीजिए और सोचिए 24 के उम्र में 0 से आर्मी ट्रेनिंग के साथ कुल मिला कर 11 लाख रूपये सैलरी के रूप में मिलने वाला पूरा पैसा अगर आप ख़त्म भी कर देते हैं तो रिटायरमेंट के वक़्त मिलने वाला 11 लाख 71 हज़ार रुपिया कम नहीं है।
देश में 50% लोग ऐसे हैं जो पूरी उम्र में इतना पैसा नहीं कमाते जो 4 साल में अग्नीपथ से आयेंगे। साथ ही भविष्य उन लोगो को ही प्राथमिकता मिलेगी जो अग्निवीर होंगे इसकी भी शुरुआत यूपी से हो गई है।
सेवा अवधि पूरी होने के बाद अन्य सरकारी सेवा एवं निजी क्षेत्र में मिलेगा अवसर
ये डेढ़ लाख लोग पूर्ण रुप से प्रशिक्षित रहेंगे। ध्यान दीजिए कि सेना मे प्रशिक्षण केवल हथियार चलाने के लिए नही होता है। हथियार चलाना तो कुल प्रशिक्षण का 10% भी नही है। अन्य 90% प्रशिक्षण शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण होता है जिससे विपरीत परिस्थितियों मे जीना सिखाया जाता है। शारिरीक और मानसिक रुप से प्रशिक्षित 1.5 लाख लोग अन्य जॉब, जैसे फ्लिपकार्ट, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, सेल्समैन, लाजिस्टिक/ट्रांस्पोर्टेशन इत्यादि जैसे लाखों जॉब के लिए उपलब्ध रहेंगे।
प्राइवेट इंडस्ट्री को भी मिलेगा योग्य उम्मीदवार
प्राइवेट कम्पनियाँ जो आज इस बात के लिए भारत की निंदा करती है कि यहाँ के लोगों मे स्किल उपलब्ध नही है। उनको पके पकाए 1.5 लाख लोग प्रतिवर्ष मिलेंगे जो ईमानदारी और अनुशासन की शिक्षा लेकर आए हैं। इससे प्राइवेट इंडस्ट्री को बूस्ट मिलेगा।
देश को क्या होगा लाभ
यदि कोई 17 साल मे आर्मी ज्वाइन करता है तो 21 मे वह रिटायर होगा। 24 मे ग्रैजुएट होगा और उस समय उसके पास शुद्ध ट्रेनिंग और 12 लाख रुपैये मौजूद रहेंगे। आज से बीस साल बाद 22 लाख आर्मी से प्रशिक्षित युवाओं (जिनकी उम्र 35 से कम होगी) की फौज होगी जिनको कभी भी युद्ध अथवा शांति के समय मे प्रयोग मे लाया जा सकता है।
वर्तमान में देश मे सिर्फ 1% परिवार सरकारी नौकरी के बदौलत चलती है। 99% लोग अपना रोजगार खुद करते हैं। प्रश्न ये है कि कानून किसके पक्ष मे बनना चाहिए, जिससे 99% लोगों का भला हो या फिर 1% लोगो का। इस अग्नीवीर पद्धति से सरकार के उपर मे खर्चा कम होगा। जनता के टैक्स के पैसे 1% के उपर मे खर्चा नही होकर 99% अन्य लोगों के भलाई के काम पर खर्चा होगा।
वर्तमान हालातों में इस प्रकार की स्कीम रामबाण साबित होगी देश के अंदर एक अनुशासित, राष्ट्र प्रेमी और किसी मुसीबत के वक्त सैनिक की वर्दी पहन कर देश को बचाने के लिए जान लड़ाने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी, साढ़े 17 से 21 वर्ष के बीच सेना में सेवा देकर एक बेहतर नागरिक तैयार होगा जो अपने जीवन में कुछ ना कुछ अच्छा जरूर कर लेगा।
सरकार जनता के टैक्स का पैसा किसी निकम्मे व्यक्ति (सरकारी नौकरी करने वाले) के जीवन यापन सुनिश्चित करने के लिए क्यों खर्च करेगी। अन्य सरकारी विभाग मे भी यही नियम लागू हो आपकी नौकरी मात्र तीन-चार साल के लिए सुरक्षित है। यदि आपके अंदर मे स्किल है तो आपको अगला काम मिलेगा वरना आप ओपेन मार्केट मे है।
देश के वर्तमान हालात आप देख चुके हैं। देशद्रोही और मजहबी उन्माद में पागल कुछ लोग सामूहिक हमले करके बहुत विकट समस्याएं पैदा कर रहे हैं। ऐसे देशद्रोहियों से लड़ने के लिए समाज के अंदर सेना से ट्रेनिंग प्राप्त लड़ाके होंगे तो देश के अंदर और बाहर की सुरक्षा खुद मजबूत होगी।
युवाओं को गुमराह करने का एजेंडा किया गया तैयार
इस स्कीम को लेकर एक बहुत बड़ा देशविरोधियों द्वारा एक भयंकर एजेंडा सेट किया गया है और अब देश के युवाओं को को इस बेहतर स्कीम को लेकर गुमराह किया जा रहा है। वैसे देश हित देखे तो आम नौजवानों को कुछ समय के लिए सेना के साथ जोड़कर देश में लड़ाको की संख्या बढ़ाने के लिए वर्तमान हालातों को नजर में रखते हुए इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है।
अग्निवीर योजना से युवाओं को क्या होगा लाभ सभी भर्ती किए गए युवकों/युवतियों को बेहतर ट्रेनिंग और लगभग 50000 रूपये महीना के हिसाब से सैलरी दी जाएगी जो चार सालों तक बढ़ती भी रहेगी। सारी व्यवस्थाएं उसी प्रकार होगी इस प्रकार भारतीय सैनिकों के लिए होती है किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होगा। 25% युवाओं को परमानेंट करने का भी प्रावधान है परंतु वो मेरिट के आधार पर चुने जाएंगे जिनका रिकॉर्ड सबसे अच्छा होगा।
अग्निपथ स्कीम के द्वारा भर्ती किए गए युवाओं को अग्निवीर नाम से संबोधित किया जाएगा जिन्हें 48 लाख रुपये का इंश्योरेंस जिसके लिए कोई क़िस्त भी नहीं देनी है और 4 सालों में सर्विस के दौरान अपंगता या मृत्यु हो जाने की स्थिति में 44 लाख रुपए तक की एकमुश्त राशि प्रदान की जाएगी।
4 साल की सेवा पूरी कर लेने के बाद जब युवा सेना की नौकरी से बाहर होंगे तो उनको एक मुफ्त लगभग 14 लाखों रुपए दिए जाएंगे जो इनकम टैक्स मुक्त होंगे। इसके अतिरिक्त एक ऐसा प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा जो उन्हें अन्य जगहों पर नौकरी करने में प्राथमिकता दिलाएगा।
इस विषय में अधिक जानकारी आप तीनों सेनाओं की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर देख सकते हो। बहुत जल्द इस स्कीम के तहत भर्तियां शुरू होने वाली है। कृपया अपनी जागरूकता बढ़ाएं और अधिक से अधिक युवाओं को इधर-उधर समय खराब ना करके अपने देश के लिए कुछ करने के लिए इस स्कीम की ओर झुकाने का प्रयास करें। अंदर खाने अगर देखें तो देश को जिहादियों से बचाने के लिए एक मजबूत, रण कौशल में निपुण और राष्ट्रभक्त तबके की आवश्यकता है, आजकल के युवा व्याधियों में फंसकर अपना जीवन बर्बाद करने में लगे हैं। मोदी जी द्वारा यह प्रयास करके बहुत अच्छा सोचा गया है। याद करिए एक बार सावरकर जी ने भी भारतीय युवाओ से अंग्रेजी सेना में भर्ती होने के लिए सिर्फ इसलिए आवाहन किया था ताकि वहां पर सारा रण कौशल सीखकर उससे स्वतंत्र संग्राम में काम में लिया जा सके।