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तालाब पता नहीं कहाँ गया... उसके सौन्दर्यकरण का पैसा भी उसी में डूब गया

   बांसवाड़ा/राजस्थान।। तालाब का पता नहीं वह कहा गया? मौके पर तो सिर्फ एक गड्ढा है, जिसमे पानी की एक बूंद तक नहीं लेकिन उसके सौन्दर्यकरण के नाम पर कब उसमे डेढ़ लाख के लगभग रूपये घुस गए और किसी को पता भी नहीं चला। वही मौके पर देखे तो मरघट सी वीरानी ही छाई नज़र आती है। इसी सरकारी खातों से मनरेगा में दास्ताने ए लूट की एक और कहानी राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में देखी गई है। जिसको लेकर कुशलगढ़ के बस्सी बईड़ा मे मनरेगा के तहत किये गये तालाब सौंदर्यकरण मे हुए भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही करने के लिए ग्रामीणों द्वारा जिला कलेक्टर को परिवाद दिया गया। 
    
   ग्रामीणों ने बताया की बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ तहसिल के बस्सी बईड़ा गांव मे जईएन, ग्राम सचिव, सरपंच एवं मेट आदि द्वारा मिलिभगत करते हुए मनरेगा योजना के तहत तालाब सौंदर्यकरण के नाम पर भ्रष्टाचार करते हुए एक लाख ग्यारह हजार तीन सौ रूपये का भुगतान खुर्दबुर्द कर दिया गया है। 
                           
मनरेगा कॉन्सोलिडेट पेमेंट डिटेल्स में है गड़बड़ 
   ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मनरेगा कॉन्सोलिडेट पेमेंट डिटेल्स मे भुगतान के लिये दर्शित कई जॉब कार्ड़धारी पूरी तरह से फर्जी है, जिन्होने उक्त योजना मे मौके पर कार्य ही नहीं किया है, ओर उन्हें फर्जी तरीके से भुगतान कर दिया गया है।
   
तालाब सौंदर्यकरण के नाम से उठ गया पैसा 
   ग्रामीणों का कहना है कि मनरेगा मे किसी भी तालाब सौंदर्यकरण के तहत किये जाने वाले कार्यो मे पालबन्दी, सीढीयो का निर्माण, वृक्षारोपण, गहरीकरण, पीचिंग आदि कार्य मुख्य रूप से किये जाते है। लेकिन मौके पर स्थिति मे कोई परिवर्तन नही है, जिस क्षैत्र को इंगित कर तालाब सौंदर्यकरण के लिये पैसा उठाया गया है वहां आज भी हालात पूर्व की भांति ही है। 
    
फरीयादीयो को पूर्व में दी गई थी धमकी 
   इस सम्बन्ध मे कई बार ग्रामीणो द्वारा क्षेत्र के सरपंच संगीता राकेश वडखिया को भी सूचना दी गई लेकिन भ्रष्टचार के चलते उन्होंने ना केवल फरीयादीयो को धमकी दी अपितु भविष्य मे किसी भी काम के लिये आने पर देख लेने की बात कहीं।
सरपंच के विरुद्ध धारा 38 के तहत कार्यवाही है लंबित 
   यह कि पूर्व मे उक्त सरपंच संगीता वडखिया एवं उनके भ्रष्ट ठेकेदार पति राकेश वडखिया के विरूद्ध मनरेगा मे मस्टरोल मे हुए फर्जीवाडे़ को लेकर प्रशासनिक विभागीय जांच मे धारा 38 के तहत जांच की कार्यवाही भी वर्तमान मे चल रही है, जिसमे कई मेट ब्लैक लिस्टेड़ भी किये गये है। साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भी इस सम्बन्ध मे उचित जांच हेतु ग्रामीणों द्वारा परिवाद भी दिया गया है। 
                 
भ्रष्टाचारीयो के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही की गई मांग
   ग्रामीणों द्वारा परिवाद के माध्यम से जिला कलेक्टर महोदय से निवदेन किया है कि तुरन्त प्रभाव से ग्रामीणो को उचित न्याय दिलवा कर भ्रष्टाचारीयो को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की गई है। 
   जिला कलेक्टर को दिए परिवाद में लक्ष्मण वसुनिया, मानसिंह वसुनिया, टीटू सिंह वसुनिया, कमलेश सिंगार, दिनेश सिंगार, खुमचन्द सिंगार, बाबू सिंगार, टीटू सिंगार, विकेश सिंगार, हिरालाल भाबोर आदि द्वारा हस्ताक्षर किये गए गए।

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