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ATM की जानकारी चुराकर ठगों ने बैंक खातों से लाखों रुपए उड़ाए, अब बैंक को करना होगा मय ब्याज भुगतान

राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग,
National Consumer Commission, New Delhi
जस्टिस आर.के. अग्रवाल की अध्यक्षता वाली पीठ में हुआ महत्वपूर्ण फ़ैसला
बैंक ग्राहक को SMS सुविधा देने में नाकाम होती हैं तो उससे होने वाली क्षति की पूर्ति बैंक को ही करनी होगी
   नई दिल्ली।। बैंकिंग लेनदेन से जुड़ी सेवा प्रदान करने के लिए ग्राहक से SMS चार्ज प्रतिमाह या तिमाही काटा जाता है, उसके बावजूद भी बैंकिंग तकनीकी ख़ामियाँ बताते हुए ग्राहक को SMS सुविधा देने में नाकाम होती हैं तो उससे होने वाली क्षति की पूर्ति बैंक को ही करनी होगी। हुआ यूँ कि- किसी व्यक्ति के बैंक खाते में से ATM की जानकारी चुराकर ठगों ने बैंक खातों से लाखों रुपए उड़ा लिए लेकिन लेन देन का कोई भी बैंकिंग अलर्ट मेसेज SMS ग्राहक तक नहीं पंहूचा। ग्राहक को लगभग दो माह बाद वारदात का मालूम चला तो बैंक में सूचना दी। बैंक अधिकारियों ने ग्राहक पर ही ज़िम्मेदारी व सावधानी का पल्ला झाड़कर इतिश्री कर ली। 
ग़ायब हुई रक़म का 6 फ़ीसदी ब्याज के साथ करना होगा वापिस
    ग्राहक बैंक के इस रवैए से आहत हुआ और बैंक का ग्राहक की सुविधाओं से मुँह मोड़ना अधिकारों के विरूद्ध था। इसी मामले को ग्राहक द्वारा कोर्ट में चुनौती दी गई। ज़िला उपभोक्ता संरक्षण मंच, राज्य उपभोक्ता आयोग व राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में वाद व अपील दायर की गई। NCC आयोग ने रुपयों की निकासी के समय SMS अलर्ट नहीं भेजने में बैंक की लापरवाही मानी। आयोग ने बैंक को निर्देश दिया कि वह अपने ग्राहक के खाते से ग़ायब हुई रक़म उसे 6 फ़ीसदी ब्याज के साथ वापिस करेगा। 
   आयोग ने बैंकों की बैंकिंग SMS अलर्ट सेवा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सेवा कोई विडीओ गेम नहीं जो इसे कोई मनोरंजन या टाइमपास के लिए लेता है। यह सुविधा रुपयों के लेनदेन पर नज़र के लिए ली जाती है। अगर बैंक यह सेवा लेने पर खाते में हुए लेनदेन का SMS नहीं भेजेगा तो यह उसकी सेवा दोष या कमी कहलाएगा।

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