क्या ये मुमकिन है कि एक बेटी सालों तक मृत पिता के मोबाइल पर रोज सन्देश भेजती रहे और आखिर में पिता का जवाब आ जाए?
आपको बता दे कि यह एक सच्ची घटना है जिसमे एक 23 साल की लड़की ने अपने मृत पिता के मोबाइल नंबर पर हर रोज अपने दिल की बात कही और वह अपने मृत पिता के मोबाइल पर उसके जीवन में होने वाली रोजाना की घटनाएं बताती रही और फिर अचानक चार साल में पहली बार ऐसा हुआ कि उसके पिता की और से जवाब आया गया।
मोबाइल पर भेजती थी मैसेज
23 साल की चेस्टिटी पैटरसन ने अपने पिता को चार साल पहले खो दिया था लेकिन वह दुख से उबर ना सकी। वह अपने पिता को रोज अपने मन की बात और रोज होने वाली जीवन की गतिविधियों को मोबाइल पर मैसेज के द्वारा भेजती रही।
ऐसा करके वह अपने पिता को अपने करीब समझती रही और पिता की चौथी पुण्यतिथि पर चेस्टिटी ने अपने पिता के नंबर पर एक बहुत बड़ा भावुक सा मैसेज लिख दिया।'
चेस्टिटी ने अपने मैसेज में क्या लिखा था
कल का दिन फिर से काफी मुश्किल का होगा, आपको खोए हुए आज 4 साल हो गए हैं और एक दिन भी ऐसा नहीं गया जब मैंने आपको मिस नहीं किया हो। इस छोटे से वक्त में काफी कुछ हो गया है। मुझे पता है कि आप वह सब जानते हो क्योंकि मैंने हमेशा ही आपको बताया है, मैंने कैंसर को मात दी है। मैं तब से बीमार नहीं पडी हूं, क्योंकि मैंने आपसे वादा किया था कि मैं अपना ठीक से ख्याल रखूंगी। मेरा कॉलेज खत्म हो गया और मैंने ग्रेजुएशन कर ली है, मुझे प्यार भी हुआ और प्यार में दिल भी टूटा। लेकिन मैं फिर से और भी मजबूत बनकर खड़ी हुई।
मेरे सारे दोस्त छूट गए लेकिन एक और है जो मेरे जीवन में आया और उसने मुझे संभाला हुआ है। अभी तक मेरे कोई बच्चा नहीं है लेकिन होंगे तो मुझे बहुत खुशी होगी और इसके लिए मैं तैयार हूं। मैं अभी भी मां के साथ खूब मस्ती करती हूं और उनका ख्याल रखती हूं। मुझे माफ करना मैं तब आपके पास नहीं थी जब आपको मेरी सबसे ज्यादा जरूरत थी।
मुझे शादी से डर लगता है क्योंकि तब शादी की जगह तक का रास्ता मुझे अकेले चलना होगा। आप यह बताने के लिए वहां नहीं होंगे कि सब अच्छा होगा। मैं मजे में हूं और आपको मुझ पर गर्व होगा। न ही मेरा बातें करना और मेरा एटीट्यूड जरा भी नहीं बदला है। मेरा वजन भी नहीं बढ़ा है। मैं आपसे बस इतना कहना चाहती हूं कि मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं और आपको बहुत मिस करती हूं।
आखिरकार पिता मोबाइल नंबर से आया जवाब
इस बार पिता से नहीं रहा गया और चार साल में पहली बार ऐसा हुआ के पिता के नंबर से जवाब आ गया, और जवाब भी ऐसा कि जिसने भी उसे पढ़ा उसकी आंखें नम हो गई।
प्यारी बच्ची, मैं तुम्हारा पिता नहीं हूं लेकिन पिछले चार सालों से मुझे तुम्हारे सारे मैसेज मिल रहे हैं। मैं तुम्हारे सुबह के मैसेज और रात के मैसेज दोनों पढ़ता हूं।
मेरा नाम ब्रेड है और मैंने 2014 में अपनी बेटी को एक कार एक्सीडेंट में खो दिया था। तुम्हारे संदेशों ने मुझे जिंदा रखा है। जब तुम मुझे मैसेज भेजती हो तो मुझे लगता है कि यह मैसेज ऊपर वाले ने भेजा है। मुझे अफसोस है कि तुमने अपने बेहद करीब शख्स को खोया है, लेकिन मैं इतने सालों से तुम्हें सुन रहा हूं और तुम्हें बड़ा होते देख रहा हूं।
मैं सालों से तुम्हारे संदेशों का जवाब देना चाहता था लेकिन तुम्हारा दिल नहीं तोड़ना चाहता था। तुम एक असाधारण महिला हो और मैं उम्मीद करता हूं कि मेरी बेटी भी तुम्हारी ही तरह होती। रोजाना के अपडेट देने के लिए तुम्हारा शुक्रिया।
तुमने मुझे याद दिलाया कि ईश्वर है और इसमें उसका कोई दोष नहीं है कि मेरी बेटी आज मेरे साथ नहीं है। उसने मुझे बेटी के रूप में तुम्हें दे दिया।
नन्हीं परी, सब कुछ अच्छा होगा तुम भी रोज विश्वास से भरी रहो और ईश्वर ने जो रोशनी तुम्हें दी है उससे चमकती रहो मुझे अफसोस है कि तुम्हें इन सब से गुजरना पड़ा लेकिन इससे अगर थोड़ा सा भी बेहतर होता है तो मुझे तुम पर गर्व होगा। अपना ध्यान रखना और मैं तुम्हारे कल की अपडेट का इंतजार कर रहा हूं।
इस तरह चार साल बाद ही सही लेकिन उसे एक नए पिता मिल गए और इन संदेशों ने उसके जीवन में खुशियां भर दी। एक पिता को बेटी मिल गई और एक बेटी को पिता।
कभी-कभी इस तरह की सच्ची घटनाएं याद दिला देती हैं कि भगवान हमारे आसपास ही है और हमारे लिए अच्छा ही सोच रहा है।