हुसैनी ब्राम्हण कौन थे? इनका भारत के इतिहास में योगदान क्या है? जितना बड़ा यह सवाल है उतना ही महत्वपूर्ण इसका जवाब भी है। इसमे दो शब्द है हुसैनी और ब्राह्मण, ब्राह्मण तो समझ आता है पर हुसैनी कौन है?
तो आइये हुसैन को जानते है
हुसैन, मुस्लिमो के पैगम्बर मुहम्मद की बेटी फातिमा और दामाद अली के बेटे थे। इनकी मृत्यु कर्बला की लड़ाई में हुई थी। फातिमा की बेटियों और बेटों के साथ वास्तव में बेहद गलत हुआ था। बेटियों के साथ जो अपमानजनक व्यवहार राजा दाहिर द्वारा बेटियों के साथ हुआ था वही वर्ताव बेहद दुखी करने वाला है।
इतिहास पर गौर करें तो कर्बला जो इराक में बगदाद में है, उसमें दो पक्ष लड़ रहे थे एक तरफ खलीफा दूसरी तरफ अली के लोगो मे लड़ाई हुई थी, जिसमे अली के बेटे हुसैन जिनकी ऊपर हमने बात की थी उनकी मौत हो गयी थी।
आपको बता दे कि उसी के दुख में हर साल ताजिया शिया लोग निकलते है। अक्सर देखने में आया है कि ताजिया निकालने में आज भी दूसरे पक्ष वाले हिंसा करते है।
हुसैनी ब्राह्मण कौन है?
अब हुसैनी ब्राह्मण कौन इनके बारे जानकारी हमे शिया मुस्लिमो से ही मिलती है। शियाओ का कहना है कि ईरान से कोई कनेक्शन चन्द्रगुप्त से था जिसकी वजह से इस लड़ाई में उन्होंने मदद माँगी और उनकी मदद के लिए 500 दत्त ब्राह्मण भेजे गए थे बगदाद और ये ब्राह्मण बाद में काफी समय बाद भारत लौटे यही लोग हुसैनी ब्राह्मण कहलाए।
जैसे यह संजय दत्त हुसैनी ब्राह्मण परिवार है, संयोग से संजय दत्त की पत्नी भी मुस्लिम ही है और सुनील दत्त की नर्गिस भी मुस्लिम थी। ये संयोग है या परंपरा वो तो भगवान ही जाने।
इनका धर्म क्या है?
आपको बताते चले की ये वैसे हिँदू ही है बस कर्बला में शियाओ की तरफ से लड़ने और सैकड़ो साल बगदाद में रहने के कारण जब ये भारत आये तो पहचान इनकी हुसैनी ब्राह्मण बन गयी।
इनके बारे में जानकारी कहा से मिलती है?
शिया लोग इनका अक्सर जिक्र करते रहते है, ये है मारवी सिमरेड जो एक पाकिस्तान की पत्रकार है, शायद शिया है इन्होंने भी इस बात को बताया है। संभल के जो शिया मौलाना है, वह भी कई बार इस विषय पर खुल कर बोल चुके है।
हालांकि इनकी चन्द्रगुप्त से रिश्तेदार होने की बात थोड़ी अजीब है, हो सकता है चन्द्रगुप्त के नाम से कोई दूसरा राजा रहा हो लाहौर या अफगानिस्तान या बलूचिस्तान में।
लेकिन काल निर्धारण पूर्णतः शुद्ध है वैसे यदि वो चन्द्रगुप्त को अपना जीजा बोल ही रही है तो हमे मान लेने में कोई बुराई भी नही दिखती है।
इसमे कोई दो राय नही की भारत के शिया पाकिस्तान और बांग्लादेश में शियाओ पर हो रही हिंसा से एक बात समझ रहे है कि भारत मे उनकी सुरक्षा हिन्दुओ के कारण है।
यह भी गौर फरमाने वाली बात है कि भाजपा को जो 5/6% मुस्लिम वोट मिलता है वो भी शिया मुसलमान का ही होता है, लेकिन ये भी कही ना कही सच है कि जिन्ना भी शिया है और ओवैशी भी शिया ही है। अब आप समझ सकते है ओवैशी को बीजेपी का आदमी क्यो बोला जाता है?