नई दिल्ली।। हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने वाली "काली" फिल्म को लेकर देशभर में बवाल सा मचा हुआ है। वही भाजपा ने भी डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली की निर्माता लीना मनिमेकलाई के खिलाफ सोमवार को पुलिस में शिकायत की है। भाजपा के युवा मोर्चा के पूर्व पदाधिकारी शिवम छाबड़ा और प्रक्ता राहुल मेहता, ऋषभ साहू व मोहित चौहान ने पुलिस उपायुक्त अमुरुथा गुगुलोथ से मिलकर यह शिकायत की। उन्होंने अपनी शिकायत में हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करने का आरोप फिल्म निर्माता पर लगाया है।
पुलिस उपायुक्त से मिलकर शिकायत रखी शिवम छाबड़ा ने कहा कि फिल्म निर्माता के विरुद्ध आईपीसी की धारा 295, आईटी एक्ट 2000 की धारा 79 व स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध अधिनियम के तहत शिकायत की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। छाबड़ा ने बताया कि फिल्म निर्माता ने 2 जून को एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली के पोस्टर को शेयर किया है।
उन्होंने कहा कि ट्वीट के साथ जिसका स्क्रीनशॉट संलग्न है। उन्होंने ट्वीट में कहा कि उनकी फिल्म का पोस्टर कनाडा फिल्म फेस्टिवल में रिलीज हुआ है जिससे वो अत्यंत 'उत्साहित हैं। भाजपा नेता ने कहा कि देश में हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का योजनाबद्ध तरीके से काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि लीना द्वारा ट्विटर पर शेयर किया गया पोस्टर हिन्दू समाज और हमारे देवी-देवताओं का अपमान है। इससे देश के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं का ठेस पहुंची है। गौरतलब है कि जिस फिल्म और उसके पोस्टर का जिक्र लीना कर रही हैं, वो डॉक्यूमेंट्री फिल्म देवी मां काली पर बनाई गई है, जिसके पोस्टर में मां काली को सिगरेट पीता दिखाया गया है। साथ ही इस पोस्टर में मां काली के एक हाथ में त्रिशूल है और दूसरे हाथ में एलजीबीटीक्यू समुदाय का फ्लैग थमाया गया है।
इंडियन हाई कमीशन ने फिल्म ‘काली’ की स्क्रीनिंग रोकने की अपील की है, पोस्टर में हिन्दू देवी के चरित्र को किया गया है अपमानित। ओटावा में इंडियन हाई कमीशन ने कनाडाई अधिकारियों से हिंदू देवी काली के नाम पर एक आपत्तिजनक फिल्म की स्क्रीनिंग वापस लेने का आग्रह किया।
एक प्रेस विज्ञप्ति में, इंडियन हाई कमीशन ने कहा, “हमें कनाडा में हिंदू समुदाय के नेताओं से आगा खान संग्रहालय में ‘अंडर द टेंट प्रोजेक्ट’ के हिस्से के रूप में प्रदर्शित एक फिल्म के पोस्टर पर हिंदू देवी के अपमानजनक चित्रण के बारे में शिकायतें मिली हैं।”
इससे पहले शनिवार (2 जुलाई) को, कॉलीवुड निर्देशक लीना मणिमेकलाई ने ट्विटर पर अपनी फिल्म ‘काली’ के लॉन्च के बारे में जानकारी दी थी। वही फिल्म के पोस्टर को देखकर तुरंत तमाम हिंदू समुदायों का गुस्सा फूटने लगा। पोस्टर में देवी काली के चरित्र को कुछ इस तरह दर्शाया गया है, जो एक ध्वज पकड़े हुए सिगरेट पी रही हैं।
विवाद के बाद, निर्देशक लीना मणिमेकलाई के खिलाफ जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए FIR भी दर्ज कर दी गई है। वही ट्विटर पर कई लोगो ने फिल्म की निर्देशिका लीना के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है।
कौन हैं मणिमेकलई जिसने काली मां को सिगरेट पीते हुए दिखाया, पहले भी बना चुकीं विवादित फिल्में
फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई (Leena Manimekalai) ने 'काली' नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है, जिसमें मां काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। लीना की इस फिल्म को लेकर हिंदू भड़क उठे हैं। बता दें कि लीना मणिमेकलई 2002 और 2011 में भी विवादित फिल्में बना चुकी हैं।
भारत में एक तरफ जहां पैगम्बर मुहम्मद के कथित अपमान को लेकर सरेआम लोगों के गले काटे जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान लगातार जारी है। हाल ही में फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई ने 'काली' नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है, जिसमें मां काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। लीना की इस फिल्म को लेकर हिंदू भड़क उठे हैं।
लीना मणिमेकलई ने अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म को हाल ही में कनाडा में प्रमोट किया। इस फिल्म के पोस्टर में देवी काली का रूप लिए एक एक्ट्रेस सिगरेट पीती दिख रही है। वहीं, उसके दूसरे हाथ में LGBT समुदाय का झंडा दिख रहा है। लीना मणिमेकलई ने ऐसा करके हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। लीना की इस हरकत पर लोग न सिर्फ उन्हें बल्कि फिल्म की प्रोड्यूसर आशा पोन्नाचन को भी लताड़ लगा रहे हैं।
कौन हैं लीना मणिमेकलई
लीना मणिमेकलाई एक फिल्ममेकर, कवयित्री और एक्ट्रेस हैं। उनके 5 कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा वो डॉक्यूमेंट्री और एक्सपेरिमेंटल पोयम फिल्म्स भी बना चुकी हैं। उन्हें कई इंटरनेशनल और नेशनल फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। लीना ने 2002 में शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री 'मथम्मा' से करियर की शुरुआत की। 20 मिनट की यह डॉक्यूमेंट्री चेन्नई के पास अरक्कोणम के गांव मंगट्टचेरी में अरंधतियार समुदाय के बीच प्रचलित प्रथा के बारे में है, जिसमें लड़कियों को उनके देवता को समर्पित कर दिया जाता है।
पहले भी विवादित फिल्म बना चुकीं मणिमेकलई
लीना मणिमेकलई की पहली फीचर फिल्म सेंगडल है, जो 2011 में बनी। इस फिल्म में दिखाया गया है कि श्रीलंका में एथनिक वॉर की वजह से धनुषकोड़ि में मछुआरों का जीवन कैसे प्रभावित हुआ। सेंसर बोर्ड ने शुरुआत में इस मूवी को यह कहते हुए सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था कि इस मूवी में श्रीलंका और भारत सरकार पर अपमानजनक और राजनीतिक टिप्पणी करने के साथ ही असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। काफी कानूनी लड़ाई के बाद जुलाई, 2011 में यह फिल्म रिलीज हो पाई थी।