कुछ लोगो द्वारा श्रीलंका के खस्ता हो चुके आर्थिक हालातों को देखकर श्रीलंका को भारत में मिलाने की बात कही जा रही है, तो आपको बता दे की उसके लिए कुछ मान दंड होते है। अंतर्राष्ट्रीय नियम हैं और संयुक्त राष्ट्र संघ के भी नियम हैं। किसी भी देश की सरकार को इन दोनों प्रकार के नियमों में अंतर्राष्ट्रीय नियम पहले लागू करना पड़ता है।
क्या है अंतर्राष्ट्रीय नियम
- दोनों राष्ट्र के बीच की संधी।
- दोनों राष्ट्र एक दूसरे के प्रति सौहार्ध पूर्वक व्यवहार करना चाहिए।
- दोनों राष्ट्र आपात काल में एक दूसरे को सहायता करना चाहिए।
- विज्ञान, तकनीकी, आर्थिक और रक्षा क्षेत्र में सहायता करना चाहिए।
- दोनों राष्ट्र के बीच अच्छे राजनीतिक संबंध होना चाहिए।
क्या है संयुक्त राष्ट्र संघ के नियम
- संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य राष्ट्रों को अपनी-अपनी सीमा की रक्षा खुद कर लेनी चाहिए।
- संयुक्त राष्ट्र संघ के कोई भी सदस्य अपनी राष्ट्र सीमा बढ़ाने के लिए किसी भी राष्ट्र पर हमला नहीं करना चाहिए।
- राष्ट्र-राष्ट्र के बीच में राजनैतिक, आर्थीक, और सांसकृतिक सहकार स्थापित करना चाहिए।
- विश्व में शांती बनाए रखने के लिए हर तरह की कोशिश करनी चाहिए।
क्या श्रीलंका को भारत में मिलाया जा सकता है
अब बात करते हैं की श्रीलंका को भारत में मिलाया जा सकता है या नहीं। उपरोक्त नियम यदि देखें तो श्रीलंका को भारत में मिलाया नहीं जा सकता। लेकिन फिर भी यदि दोनों राष्ट्र बेहद इच्छुक हैं, यानि की वहां की जनता और सरकार दोनों सहमत हैं तो अवश्य मिलाया जा सकते हैं। क्यों की एक कहावत है ना "मियां-बीवी राजी हो तो क्या करेगा काजी" इसलिए दोनों देश इच्छुक हैं और दोनों देश को इसे लेकर कोई एतराज़ नहीं है तो, अवश्य श्रीलंका को भारत में मिलाया जा सकता है।
यदि ऐसा होता है तो दोनों देश की जनता फिर एक होकर एक बड़े देश की जनता के साथ मिलजुल कर सामूहिक लाभ उठा सकते हैं। सुविधाजनक एवम् विकसित जीवन के साथ सुरक्षित रह सकते हैं। हालाँकि इस में कोई बुराई भी नहीं और अन्याय भी नहीं है।