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ईसाई पास्टर की काली करतूत, बाल तस्करी या पढ़ाने के नाम पर धर्मांतरण

child trafficking
 बांसवाड़ा/राजस्थान।। गरीब माँ-बाप से उनकी फूल सी बच्चियों को धोखे में रखकर अच्छी शिक्षा और सुविधाओं के नाम पर बाल तस्करी बड़े पैमाने पर जनजाति क्षेत्र में पैर पसार रही है। आप जनजाति क्षेत्रों में देखेंगे तो पाएंगे की बड़ी तादात में चर्च मानव सेवा के नाम पर खोल दिए गए है। जहा भोले-भाले गरीब जनजातीय लोगो को आर्थिक मदत और अन्य सुविधाए देने का लालच दिखाते हुए उन्हें जोर-शोर से क्रिश्चयन बनाने का धंधा इन अवैध चर्चो के द्वारा बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है। 
   आपको बता दे की जिले में सैकड़ों की तादात में अवैध चर्च मौजूद है जो रोज़ कई लोगो को इशू के फ़र्ज़ी चमत्कार और घटनाए बताकर कर हज़ारो ग्रामीणों को ईसाई बना रहे है। यहाँ तक की जिले में विदेशी फंड से संचालित कई एनजीओ भी ऐसे है जिनका काम सिर्फ ईसाई धर्म का जिले में प्रचार-प्रसार करना ही है। 
नाम वही सरनेम नया 
   वही इन चर्चो के धोखे में आकर जनजातीय लोग अपना धर्म परिवर्तित कर ईसाई बन रहे है लेकिन वह अपना सरनेम पहले वाला यानी की जनजाति से पूर्व में मिला हुआ सरनेम ही ईसाई बनने के बाद भी उसका ही उपयोग कर रहे है। उदहारण के लिए जैसे किसी का नाम जला चरपोटा है तो वह धोखे से ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के बाद उसे चर्च द्वारा दिया गया नया नाम यानि की जैकब चरपोटा उसका नया नाम होगा। उसके बाद वह किसी से भी मुलाकात के वक्त जय यीशु का सम्बोधन उसके लिए अनिवार्य होगा, ऐसा समन्धित चर्च के माध्यम से उन्हें सिखाया जाता है। इससे ईसाई धर्म मे परिवर्तित उस जनजातिय व्यक्ति को सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि उसे आरक्षण ओर सरकार की ओर से मिलने वाले सारे लाभ तो वह जनजाति वाले लेता रहता है, दुसरा वह ईसाई बनने के बाद सम्बन्धित चर्च द्वारा उसे दिए जाने वाले लाभो को भी वह हासिल कर लेता है। आपको बताते चले कि इसी वजह से जनजातिय वर्ग की ओर से अपनी प्रथाओ ओर संस्कृति को बचाने के लिए अब केंद्र सरकार से डिलिस्टिंग की मांग जोर पकड़ती जा रही है।
  ऐसा ही कुछ राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के सज्जनगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र का एक मामला सामने आया है। 26 जुलाई को केरल राज्य के कोझीकोड रेल्वे स्टेशन पर पुलिस ने राजस्थान के इस क्षेत्र की 12 बच्चीया मानव तस्करी के शक में पकड़ी थी।  
बाल तस्करी या पढ़ाने के नाम पर धर्मांतरण
  राजस्थान के जनजाति जिले बांसवाड़ा से केरल के कोझीकोड पहुंचाई गई बच्चियों के पुलिस द्वारा दस्तयाब होने पर इसे बाल तस्करी और पढ़ाने के नाम पर धर्मांतरण होने के भी कयास लगाए जा रहे है। वही जिस ट्रस्ट ने इन 12 बच्चियो को शपथ पत्र लिखवाकर जालसाजी की है वह भी अब पुलिस के राडार पर आ चुकी है। वही जानकारो का कहना है कि पुलिस द्वारा मानव तस्करी को लेकर पकड़े गई सभी 12 बच्चीया है, इनमे एक भी बच्चा नही है, इससे भविष्य मे इन बच्चीयो का चर्च ओर ईसाई आश्रय स्थलो मे शारीरिक शोषण होने से भी इंकार नही किया जा सकता है।
केरल के कोझीकोड रेल्वे स्टेशन से हुई बरामद 
  जानकारी अनुसार जैसे ही ये 12 बच्चिया सज्जनगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र बांसवाड़ा से केरल ले जाई गई,  जहा केरल राज्य के कोझीकोड रेल्वे स्टेशन पर रेलवे पुलिस को शंका हुई, पुलिस ने पुछताछ की तो मामला संगीन लगा। वही केरल पुलिस की मानें तो यह मामला बाल तस्करी का होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
नाम करुणालय चेरीटेबल ट्रस्ट और चलाता है ईसाई पास्टर  
  केरल पुलिस ने करुणालय चेरीटेबल ट्रस्ट के निदेशक पास्टर जेकब पेंटेंकोस्टल, सज्जनगढ़ के श्यामलाल पारगी व लोकेश इन तीनों को केरल रेलवे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। केरल पुलिस की मानें तो जेकब पेंटेंकोस्टल एक चर्च का पादरी भी है। वही क्षेत्र के लोगो का कहना है की इन बच्चियों के माता-पिता ने अपनी बच्चीयो को अच्छी शिक्षा व्यवस्था के लिए वहा भेजा था। वही केरल पुलिस की मानें तो केरल में इस नाम का कोई स्कूल ही नहीं है, बल्कि इसके अनाथालय होने की बात कही जा रही है। वहीं यह ट्रस्ट किशोर न्यायालय से भी पंजिकृत नहीं है।  
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फर्जी बताई जा रही है संस्था  
  केरल सरकार ने तीन साल पहले इस एंजेसी का लाईसेंस वापस ले लिया था। अब फ़र्ज़ी बताई जा रही इस संस्था पर केरल पुलिस को शक है कि यह गिरोह पहले भी इस तरह की घटनाएं दे चुका है। वही केरल पुलिस की मानें तो इन मौके से दस्तयाब की गई 12 बच्चियो के अलावा तीन के पिता उनके साथ थे, और बाकी बच्चियों के संरक्षक उनके साथ नहीं पाए गए। पुलिस को शक है की कहीं यह घटना बच्चियों को बेचने की कोई योजना तो नही थी। 
युवा मोर्चा ने लगाया धर्मांतरण का आरोप 
   इधर भाजपा युवा मोर्चा ने इस मामले में मुस्तैदी दिखाते हुए इसके तह तक जाने व इन 12 बच्चियों को वापस घर लाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। वही इस घटना को लेकर युवा मोर्चा ने धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की है। 
बीजेपी आई घटना के विरोध में 
  मोर्चा के जिलाध्यक्ष दिपसिह वसुनिया, पुर्व राज्य मंत्री दलीचंद मईडा, भाजपा नेता हकरु मईडा ने जिला पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा से मिल कर घटना की जानकारी दी एवं एडीएम नरेश बुनकर को ज्ञापन देकर उचित कार्रवाई की मांग की है। 
  सज्जनगढ़ पुलिस की मानें तो इस केस में वह केरल सरकार व पुलिस से पुरी तरह संपर्क बनाएं हुएं हैं। अब देखना यह होगा कि ये 12 बच्चिया कितने दिन में वापस अपने घर लोट पाती है। और कब इन मानव तस्करों को जेल की कोठरी में बंद किया जाता है। 

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