किसी की भी डिग्री के ठिकाने नहीं, मर्जी से ठोक रहे है इंजेक्शन और बोटले
मासूम बेमौत मारा गया अब फ़िल्मी अंदाज़ में सरकार
झोलाछाप डॉक्टरों के दवाखानों पर चस्पा किए नोटीस
बांसवाड़ा/राजस्थान।। बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ चिकित्सा विभाग और सरकार की नाकामी के चलते एक मासूम की मौत के बाद आख़िरकार प्रशासन हरकत में आया है। अब जाकर एक झोलाछाप को गिरफ्तार किया गया है साथ ही झोलाछाप डॉक्टरों के दवाखानों पर नोटीस भी चस्पा किए गए है। वही प्रशासन ने भी ना चाहते हुए अब इन झोलाछापों से उनकी डिग्रियां दिखाने को कहा है साथ ही उन्हें उनकी डिग्रियां नहीं दिखाने सजा भुगतने का भी अल्टीमेटम दिया गया है।
बता दे की राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ में ईलाज के दौरान हाल ही में हुई मासूम की मौत के बाद अब प्रशासन पुरी शक्ति से टीम बनाकर झोलाछाप डॉक्टरों की कुंडली खंगालने में जुट गया है। क्षेत्र में कौन वैध और कौन अवैध अवैध है, उसका भी पता लगाने में जुटी टीम अब इन पर शिंकजा कसने को तैयार दिखाई देती नजर आ रही है।
जानकारी अनुसार सोमवार को कुशलगढ़ उपखंड अधिकारी द्वारा बनाई गई टीम ने झोलाछाप डॉक्टरों के दवाखानों पर छापें मारी की। टिम ने टिमेडा बस स्टैंड पर आरडी विश्वास के दवाखाने का निरीक्षण किया यहा संचालक मौजूद नहीं था। वही रोगी को ड्रिप चढ़ाई हुई थी टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए मौके से दवाईयां भी जब्त कर ली और क्लिनिक पर नोटिस चस्पा कर दवाखाने को हाथोहाथ सील कर दिया। जाँच के दौरान पांडवा साथ मे सुजन कुमार को टीम ने मरीजों का ईलाज करतें हुए पाया, ड्रिग्री की जांच की तो डिग्री अवैध होना सामने आया। टीम ने कार्यवाही करते ही उसे गिरफ्तार किया गया। इसी प्रकार मुकेश बेरागी नागदा छोटी, संजय रामगढ़ पर नोटिस चस्पा कर दस्तावेज सत्यापन के लिए पांबद किया गया है। वही विभाग ने सभी प्रेक्टिशनरों से से उनकी डिग्रियो का सत्यापन करवाने के लिए आदेश निकाला है।
देखे कैसे मासूम की मौत के बाद मामला सामने आया?
सर तन से ज़ुदा के बाद राजस्थान में विकास किस चरम पर हो रहा है इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते है की राजस्थान की कांग्रेस सरकार जब तक किसी की बलि ना लेले तब तक जागती नहीं है।
राज्य में जहा कोई वकील अन्याय से दुखी होकर मौत को गले लगा रहा है, तो कही बेबस गरीब इलाज़ के अभाव में अकाल मौत का शिकार हो रहा है, तो कही शिक्षा के बर्बाद हो चुके आलम में बच्चे खुद ही चाकू चला रहे है, तो कही बच्चे मास्टरों की ही कुटाई कर रहे है।
मासूम की मौत के बाद ही प्रशासन अचानक से होश क्यों आया?
कुछ ऐसे ही सत्यानाश वाले कांग्रेसी विकास की एक नज़ीर हमें राजस्थान के जनजाति बाहुल्य जिले बांसवाड़ा में देखने को मिली जहा जिले की कुशलगढ़ तहसील में इलाज़ के नाम पर एक बंगाली झोलाछाप डॉक्टर द्वारा किये गए इलाज में एक अबोध मासुम की मौत हो गई।
वही घटना के घट जाने के बाद जैसा फिल्मों में होता आया है ठीक वैसे ही फ़िल्मी अंदाज़ में कांग्रेसी सरकार का मरा हुआ प्रशासन फिर से अचानक से होश में आ गया और सरकार के चिकित्सा विभाग ने तथा-कथित उस मासुम के हत्यारे नीम हाकिम बंगाली झोलाछाप डॉक्टरों पर अपनी छीजत को बचाने के लिए अचानक शिंकजा कसा।
वही घटना से आक्रोशित लोगो का कहना है की अगर रिश्वतखोर और कामचोर सरकारी अमला समय पर ज़िंदा हो जाता तो आज यह मासुम अकाल मौत का शिकार ना हुई होती।
झोलाछाप इलाज़ करने वालों की तगड़ी है सेटिंग
आपको बता दे की हाल ही में चार दिन पहले राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ में एक मासुम की झोलाछाप लम्फटबाज़ो द्वारा तुक्के में एक मासूम का किये गए ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
राजस्थान में कांग्रेस का यह कार्यकाल देखे तो कई लोग सरकारी खामी के चलते बेमौत मारे गए है। वही इस घटना ने तो सरकार, प्रशासन व चिकित्सा विभाग की नींद ही उडा कर रख दी है।
फ़र्ज़ी दवाखाना और फ़र्ज़ी ईलाल लेकिन रुपया असली
बिना डिग्री के तथाकथित निमहाकिम झोलाछाप बंगाली डाक्टर बेधड़क बैखोफ होंकर नासमझ गरीबो की जान से खेलते हुए ग्रामीण क्षेत्रो में आपको मिल जाएगे जो अपने फ़र्ज़ी दवाखाने चला कर ईलाल के नाम पर अपनी तिजोरियां भरने में कोई कसर बाकी नहीं रख रहें है।
भले ही इनके ईलाज से किसी की मौत भी क्यों ना हो जाएं। दुसरो के जीवन से इन्हे कोई लेना-देना नहीं है, लोग मरे या जिएं इन्हे तो बस अपनी तिजोरियां भरने में ही दिलचस्पी दिखाईं देती है।
झोलाछाप डॉक्टरों के दवाखानों का पता पहले से ही मालूम
वही कुछ लोगो ने आरोप लगाते हुए कहा की सरकार, प्रशासन, चिकित्सा विभाग को जिले में सभी झोलाछाप डॉक्टरों के दवाखानों का पता पहले से ही मालूम है, पर सब के सब भिखारियों की तरह इन फ़र्ज़ी झोलाछापो के द्वारा फेके गए टुकड़ों के लिए कुत्ते की तरह दुम हिलाते हुए इनकी खातिरदारी में घूमते-फिरते है।
वही जब ईलाज के दौरान हुईं इस मौत की खबर जब इन कमीशनखोरों तक पंहुची तों वह बरसाती मेंढक की तरह हरकत में आ गए।
मासुम की मौत के बाद अब चिकित्सा विभाग आया हरकत में
जानकारों का कहना है की कुशलगढ़ में मासुम की मौत के बाद अब चिकित्सा विभाग हरकत में आया है और सरकार और विभाग की कब्र में घुस चुकी इज़्ज़त को बचाने के लिए धड़ाधड़ छापेमारी की कार्यवाही करने का दिखावा करने लगा है।
वही इस छापेमारी से क्षेत्र के बड़ी सरवा, पाटन, छोटी सरवा, मोहकमपुरा में तथा-कथित रूप से ईलाज कर रुपया बटोरने वाले झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप सा मच गया है ओर वह अपनी दुकानें बंद कर नदारद हो गए है। वही छापेमारी करने वाले तो बस अपनी बंगले झांकते रह गए है।
लोगो का कहना था की इन झोलाछापों की मुखबिरी और कमीशन वाली सेटिंग इतनी तगड़ी है की उन्हें इस कारवाही की पहले ही सूचना मिल गई और इनके खिलाफ चला यह अभीयान फोरी कार्रवाई बन कर रह गया।
जनता को भी समझनी होगी अपनी जिम्मेदारी
वही कुछ जागरूक लोगो का कहना है कि अभी मोसमी बिमारियों का सीजन है ओर सरकार ने सब सेंटर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व बडे होस्पिटल भी कई खोल रखे है, ऐसे में वहा ईलाज कराना ही कारगर है, बनिस्पत की झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने के, राजनीतिक दलों, जनप्रतिनिधियो और स्वयंसेवी संस्थाओ को भी चाहिए की वो एक जुट होकर दिमक की तरह फेले ईलाज के नाम पर अपनी तिजोरियां भरने वाले इन झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करे व सरकार, प्रशासन, चिकित्सा विभाग, पुलिस को भी इन झोलाछापों पर शिकंजा कसना होगा ताकी भविष्य में किसी मासुम की इस कदर मौत ना हो।
न्युज टुडे टाईम ने जब कुशलगढ़ बीसीएम, एचओ डाक्टर गिरीश भाभोर से इस घटना को लेकर पुछा तो भाभोर ने कहा की तथाकथित निमहाकिम झोलाछाप डॉक्टरों पर अब हमारी टीम नजर बनाए हुए हैं।
भाभोर का कहना है की अब आगे भी लगातार कार्यवाही जारी रहेगी। साथ ही क्षेत्र के मोहकमपुरा, बस्सी, बड़ी सरवा, पाटन, बिजोरी, व कोटड़ा में भी चिकित्सा विभाग की टीम की नज़र है, बहुत जल्द ही वह इन पर सख्त कार्यवाही करने में भी पीछे नहीं हटेंगे।