बड़ा सवाल : शर्तिया इलाज़ पर सरकार क्यों है ख़ामोश?
गुप्त रोगों का डर दिखाकर देश भर में नौजवानों को क्यों लूट रहें हैं मुस्लिम हकीम?
शीघ्रपतन, स्वप्नदोष और धात जैसी साधारण समस्याओं को गंभीर बीमारी बताकर देश भर में लाखों मुस्लिम हकीम नौजवानों को भ्रम में डालकर उनसे मनचाही रकम वसूल लेते हैं। ये नीम–हकीम नौजवानों को बिना प्रमाणित दवाइयां खिलाकर अन्जाने में उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी नष्ट कर देते है।
एक बार कोई भी नौजवान इन हकीमो के जाल में फंस जाता है, तो उसे बताया जाता है की ‘तुम तो नामर्द हो’ ‘ये तो नामर्दी की निशानी है’ ‘अभी भी समय है तुम्हारी नामर्दी खत्म हो सकती है’ ‘हकीम साहब ने बड़े-बड़े नामर्दों को मर्द बनाया है’। मजबूर होकर नौजवानो को हकीमो पर विश्वास करना ही पड़ता है और बेचारे सोचते हैं ‘चलो एक बार इनको भी देख लेते हैं’।
डर और तनाव से जीवन बर्बाद नौजवान भ्रम में आकर यौन समस्याओं को गंभीर बीमारी समझ लेते हैं और तनाव में आकर कई तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं, जैसे यौन अंगों में ढीलापन, यौन क्रियाओं से दूर भागना और ताकत की कमी या शरीर का कमजोर हो जाना। एक साधारण और दिमाग से सम्बंधित परेशानी उनका पूरा जीवन बर्बाद कर देती है। तनाव में आकर बहुत सारे नौजवान नशा करने लगते हैं।
शर्म एवं संकोच के कारण कोई भी नौजवान अपनी यौन सम्बंधित बीमारियों का जिक्र अपने परिवार में नहीं करता है और मजबूरन बड़े-बड़े एड देखकर इन हकीमो की शरण में चला जाता है और फिर ये हकीम इन्हें समझाने के बजाय गुप्त रोगों का डर दिखाकर 2-3 महीने की खुराक थमा देते हैं और मनचाही रकम वसूल लेते हैं।
सभी नौजवानों में होती है ये परेशानियाँ
हमारे देश की कुल आबादी में नौजवानों की आबादी सबसे अधिक है। शीघ्रपतन, स्वप्नदोष और धात जैसी साधारण समस्याएं युवावस्था में लगभग सभी को होती हैं। जो लोग इन बीमारियों के बारे में जागरूक रहकर अपने आचार, विचार और व्यवहार में सुधार कर लेते हैं उन्हें ना तो कोई समस्या होती है और ना ही वह इन फरेबी नीम हकीमो के चक्कर में आते हैं।
हमारे देश की कुल आबादी में नौजवानों की आबादी सबसे अधिक है। शीघ्रपतन, स्वप्नदोष और धात जैसी साधारण समस्याएं युवावस्था में लगभग सभी को होती हैं। जो लोग इन बीमारियों के बारे में जागरूक रहकर अपने आचार, विचार और व्यवहार में सुधार कर लेते हैं उन्हें ना तो कोई समस्या होती है और ना ही वह इन फरेबी नीम हकीमो के चक्कर में आते हैं।
देश भर में फैला हर हकीमो का जाल
आपको बता दे की गुप्त रोगों का भ्रम फैलाकर नौजवानों को लूटने वाले इन नीम-हकीमो का जाल देश भर में फैला हुआ है। रेलवे लाइन के किनारे बने घर और उनकी दीवारें हकीमो के प्रचार का सबसे बड़ा अड्डा बन चुकी हैं। हकीम जुबैर, हकीम हाशमी, हकीम आलम, हकीम बंगाली, हकीम सलीम जैसे हजारों नाम रेलवे लाइन के किनारे आपको आसानी से मिल जाएंगे, जिनका बड़े-बड़े अक्षरों में प्रचार किया जाता है। सभी हकीम गुप्त लोगों को ठीक करने का दावा करते हैं।
आपको बता दे की गुप्त रोगों का भ्रम फैलाकर नौजवानों को लूटने वाले इन नीम-हकीमो का जाल देश भर में फैला हुआ है। रेलवे लाइन के किनारे बने घर और उनकी दीवारें हकीमो के प्रचार का सबसे बड़ा अड्डा बन चुकी हैं। हकीम जुबैर, हकीम हाशमी, हकीम आलम, हकीम बंगाली, हकीम सलीम जैसे हजारों नाम रेलवे लाइन के किनारे आपको आसानी से मिल जाएंगे, जिनका बड़े-बड़े अक्षरों में प्रचार किया जाता है। सभी हकीम गुप्त लोगों को ठीक करने का दावा करते हैं।
इनके एड (विज्ञापन) इतने आकर्षक होते हैं कि हर कोई सोचने के लिए मजबूर को जाता है कि कहीं उसे भी तो कोई गंभीर समस्या नहीं है। सबसे बड़े आश्चर्य की बात ये है कि 30-40 किलोमीटर के दायरे में हर घर की दीवार पर एक हकीम का एड (विज्ञापन) आपको दिख ही जाएगा। इसी बात से अंदाजा लग जाता है कि ये नीम–हकीम कितना पैसा प्रचार में खर्च करते होंगे और फिर कितना पैसा नौजवानों से वसूलते होंगे?
पुलिस और प्रशासन सब सोते रहते हैं
बड़े-बड़े अक्षरों में एड देने के बाद भी पुलिस और प्रशासन ना तो इन हकीमो के दवाखाने पर छापा मारते है और ना ही गुप्त रोगों को ठीक करने के उनके दावों की चिकित्सकीय जांच कर निगरानी करते है। पुलिस और प्रशासन की लापरवाही और हफ्ता वसूली के कारण ये नीम हकीम बड़े-बड़े शहरों में कहीं भी टेंट लगाकर बैठ जाते हैं और लाउड स्पीकर के जरिये नौजवानों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।
बड़े-बड़े अक्षरों में एड देने के बाद भी पुलिस और प्रशासन ना तो इन हकीमो के दवाखाने पर छापा मारते है और ना ही गुप्त रोगों को ठीक करने के उनके दावों की चिकित्सकीय जांच कर निगरानी करते है। पुलिस और प्रशासन की लापरवाही और हफ्ता वसूली के कारण ये नीम हकीम बड़े-बड़े शहरों में कहीं भी टेंट लगाकर बैठ जाते हैं और लाउड स्पीकर के जरिये नौजवानों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।
हकीमो के पास बंद डिब्बों में हजारों तरह की दवाइयां होती हैं और बिना किसी प्रूफ के ये दवाइयां नौजवानों को खिला दी जाती है। हजारों नौजवानों के शरीर में इन दवाइयों का रिएक्शन भी हो जाता है लेकिन जब तक नौजवान वापस हकीमो के पास पहुँचते है उनका टेंट वहां से गायब हो चुका होता है क्यूंकि हकीमो का केवल एक ही उसूल है “अपना काम बनता, भाड में जाए जनता”।
क्या हैं गुप्त रोग ?
गुप्त रोग केवल डराने के लिए पैदा किये गए हैं। स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, धात निकलना, पेशाब में जलन आदि नाम हकीमों द्वारा पैदा किये गए हैं। यौन अवस्था में युवाओं के शरीर में सेक्स हॉर्मोन्स (Testosterone) का निर्माण बहुत तेज गति से होता है। जो भी नौजवान समय से पहले यौन सुख का आनंद लेना चाहते हैं और अपनी इच्छाओं को काबू में नहीं रख पाते है, उनके सेक्स हॉर्मोन का लेवल नींद में या यौन क्रिया के वक्त बढ़ जाता है जिसने उन्हें स्वप्नदोष या शीघ्रपतन की परेशानी हो जाती है।
गुप्त रोग केवल डराने के लिए पैदा किये गए हैं। स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, धात निकलना, पेशाब में जलन आदि नाम हकीमों द्वारा पैदा किये गए हैं। यौन अवस्था में युवाओं के शरीर में सेक्स हॉर्मोन्स (Testosterone) का निर्माण बहुत तेज गति से होता है। जो भी नौजवान समय से पहले यौन सुख का आनंद लेना चाहते हैं और अपनी इच्छाओं को काबू में नहीं रख पाते है, उनके सेक्स हॉर्मोन का लेवल नींद में या यौन क्रिया के वक्त बढ़ जाता है जिसने उन्हें स्वप्नदोष या शीघ्रपतन की परेशानी हो जाती है।
जो नौजवान अपनी इच्छाओं को काबू में कर लेते हैं या यौन क्रिया के वक्त जल्दबाजी नहीं करते उनकी यौन सम्बन्धी सभी समस्याएं अपने आप समय के साथ खत्म हो जातीं है। यौन संबंधों के वक्त सेक्स हॉर्मोन (Testosterone) का स्त्राव होता है। अविवाहित लोगों में सेक्स हारमोंस का स्त्राव ना होने के कारण उनके पेशाब के रास्ते में जलन होने लगती है और कभी-कभी धात की समस्या भी हो जाती है। ये सब समस्याएं केवल एक निश्चित समय के लिए होती हैं और सही खान-पान बनाये रखने से शरीर में कोई भी कमजोरी नहीं आती है। हालाँकि विवाह होने के बाद ये सभी समस्याएँ अपने आप ख़त्म हो जाती है।