![Bhartiya Vidhyarth Morcha Banswara Bhartiya Vidhyarth Morcha Banswara](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgdDHBoGHdj9KtS8jHquIImFOUFzu3Ls9cWAWc0E5M5Z3qSKLIraEYu_3aidQ_aJEpenEFaMC8HPZCCoRlnbfpN71bnUOCz4Pw3S03EDYOLPZyYxAktMu5dLFoagPPjNsPxQJVOTczPKG0xgghXsNELWpYTG85f0y89okUzCcwlIm1EtFr8_6vGLIhB/w320-h240-rw/download%20(2).jpg)
बांसवाड़ा/राजस्थान।। राजस्थान के जालोर में दलित छात्र की जातिगत भेदभाव के चलते अध्यापक की पिटाई से हुई मौत मामला थमता नज़र नहीं आ रहा है। घटनाक्रम ने जहा जालोर से लेकर बांसवाड़ा तक लोगो को हिला कर रख दिया है वही इस घटना की हर कोई आलोचना भी कर रहा है। भारतीय विद्यार्थी मोर्चा ने भी बांसवाड़ा में इस घटना को लेकर विरोध दर्ज करवाया है।
मोर्चा जिलाध्यक्ष दिनेश भूरिया के आह्वान पर दिवंगत दलित छात्र इंद्र मेघवाल के साथ घृणित जातिवादी मानसिकता से स्कूल के संस्थापक छैलसिंह द्वारा अपने लिए अलग रखें मिट्टी के मटके से पानी पीने पर बेरहमी से मारपीट की गई जिससे अनुसूचित जाति के छात्र इन्द्र मेघवाल की कुछ दिनों बाद मौत हो गई। दर्दनाक घटना ने दलित जातिवाद और सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध की ज्वाला भर दी।
इसी घटना के विरोध में अलग-अलग संगठनों के पदाधिकारियों ने रणनीति बना कर जिला कलेक्टर बांसवाड़ा एवं उपखंड अधिकारी कुशलगढ़ को राज्यपाल के नाम आरोपी के विरुद्ध उचित कार्रवाई के लिए ज्ञापन दिया गया। वही मौके पर आक्रोशित लोगों ने घटना के विरडोह में नारेबाजी भी की।
ज्ञापन में रखी गई है कई मांगे
जानकारी अनुसार दिए गए ज्ञापन में निम्नलिखित संगठनो द्वारा मांगे रखी गई की हत्यारे स्कूल संस्थापक छेलसिंह को सरकार द्वारा ऑफिसर स्कीम में लेकर त्वरित कार्यवाही शुरू कर फांसी की सजा दिलवाई जाए। साथ ही मृतक के परिवार को उदयपुर के कन्हैयालाल हिन्दू की तरह ही एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता और मृतक के परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नोकरी देने की भी ज्ञापन में मांग की गई है। साथ घटना के लिए जिम्मेदार निजी स्कूल की मान्यता भी तुरंत प्रभाव से रद्द किये जाने की मांग की गई है।
सामाजिक एकता कायम करने के लिए कई संगठनों के पदाधिकारी भी हुए सम्मिलित
संगठन द्वारा दिए गए ज्ञापन में यह भी मांग की गई है की अनुसूचित जाति, जनजाति पर होने वाले अत्याचार भेदभाव, छुआछूत को आतंकवादी घटना मानते हुए इस सम्बंध में कानून बनाया जाय, जिससे जातीय अत्याचार पर विराम लग सके। उक्त ज्ञापन कार्यक्रम को सफल बनाने एवम सामाजिक एकता कायम करने हेतु कई संगठनों के पदाधिकारी भी सम्मिलित हुए जिनमे भारतीय युवा मोर्चा, भारतीय बेरोजगार मोर्चा, राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद, राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ के कार्यकर्ता उपस्थित आदि मौके पर मौजूद रहे।
वही इस अवसर पर राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नारायण सिंगाड, अशोक विजय, सुरेश भूरिया, राहुल भूरिया, नारायण, कालू, विजय, मंगल सिंह सिंगाड, जगदीश, विनोद आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।